UCC Uttarakhand report

Uttarakhand UCC report on public platform: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने से पहले शुक्रवार को समान नागरिक संहिता के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी पूरी रिपोर्ट को आम जन के लिए सार्वजनिक कर दिया है। कोई भी व्यक्ति यूसीसी की वेबसाइट पर जाकर इसे देख सकता है।
पूर्व मुख्य सचिव एवं समिति के सदस्य श्री शत्रुघ्न सिंह ने शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति की पूरी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 27 मई, 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी की थी गठित। इस अवधि में कमेटी ने 43 जनसंवाद कार्यक्रम और विभिन्न माध्यमों से 2.33 लाख लोगों से सुझाव प्राप्त किये। 2 फरवरी 2024 को कमेटी ने राज्य सरकार को समान नागरिक संहिता को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। जिसे राज्य सरकार ने विधानसभा के पटल पर रख पारित कराया था।

11 मार्च को राष्ट्रपति ने भी समान नागरिक संहिता विधेयक को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। राज्य सरकार की ओर से अब यूसीसी की नियमावली तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अक्तूबर माह में इसे उत्तराखंड में लागू करने की बात कही है, जिसके दृष्टिगत पूर्ण प्रयास है कि निर्धारित समय सीमा में नियमावली तैयार कर इसे राज्य में लागू किया जाए। उन्होंने बताया कि आचार संहिता लागू होने के कारण संहिता के कुछ खंड जारी नहीं हो पाए थे, जिनको भी अब जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि नियमावली समिति को राज्य सरकार ने आदेश किया कि सभी चार खंड की रिपोर्ट को जनता के लिए उपलब्ध कराया जाए, जिसके क्रम में सहिंता की पूरी रिपोर्ट आज से लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगी। कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट और कानून को इस वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in/ पर देख सकेगा।

यूसीसी में कुल 392 अनुच्छेद हैं। यूसीसी रिपोर्ट को चार खंडों में तैयार किया गया है। उत्तराखंड, 2024 की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पढ़ने के लिए आप यूसीसी पोर्टल http://ucc।uk।gov।in पर जाकर इस रिपोर्ट को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं।

चार खंडों में है यूसीसी रिपोर्ट:

यूसीसी रिपोर्ट को चार खंडों में तैयार किया गया है। पहला खंड- रिपोर्ट ऑफ द एक्सपर्ट कमेटी, दूसरा खंड- ड्राफ्ट कोड, तीसरा खंड- रिपोर्ट ऑन स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन और चौथा खंड- प्रारूप संहिता पर आधारित है। वहीं, रूल्स मेकिंग और इंप्लीमेंटेशन कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद, रिपोर्ट को जनता के साथ साझा नहीं किया जा सका, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। जिसके चलते आज शुक्रवार को यूसीसी की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया गया है। ऐसे में जनता यूसीसी की वेबसाइट पर जाकर यूसीसी के चारों खंडों को पढ़ सकती है।

यूसीसी में मुख्य प्रावधान

  1. समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर लगाम लगेगी।
  2. किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून प्रभावित नहीं होंगे।
  3. बाल और महिला अधिकारों की सुरक्षा करेगा यूसीसी
  4. विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य। पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं का नहीं मिलेगा लाभ।
  5. पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना होगा प्रतिबंधित।
  6. सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल निर्धारित।
  7. वैवाहिक दंपति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है, तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने और गुजारा भत्ता लेने का होगा अधिकार।
  8. पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी, बच्चे के माता के पास ही रहेगी।
  9. सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार होगा।
  10. सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार।
  11. मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक लगेगी।
  12. संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
  13. नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना जाएगा।
  14. किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार मिलेगा।
  15. किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया जाएगा।
  16. लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  17. लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा। उस बच्चे को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे।