g20 summit upreti sisters

Upreti Sisters of Uttarakhand at G20 Summit: देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित G20 सम्मेलन का रविवार को सफल समापन हो गया है. दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में पहुंचे विश्व के दिग्गज नेताओं ने भारत के आतिथ्य की सराहना की. दिल्ली जी-20 के शिखर सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड की स्वरागिनी और उप्रेती सिस्टर्स के नाम से मशहूर ज्योति उप्रेती और नीरजा उप्रेती ने आकाशवाणी सभागार में कई राष्ट्राध्यक्षों के सामने प्रदेश की तीनों बोलियों कुमाऊंनी, गढ़वाली और जौनसारी में लोक गीत गए। जिसे सुन विदेशी महमान भी मंत्रमुग्ध हो गए। सोशल मीडिया पर दोनों बहनों की प्रस्तुति का वीडियो वायरल जबरदस्त हो रहा है।

उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के हुड़ेती गांव निवासी नीरजा उप्रेती और ज्योति उप्रेती को उत्तराखंड की स्वरागिनी भी कहा जाता है। दोनों बहनें सोशल मीडिया पर उप्रेती सिस्टर्स नाम से काफी फेमस हैं। दिल्ली में आयोजित G20 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उप्रेती बहनों को आमंत्रित किया गया था। जहां सम्मेलन के दौरान आकाशवाणी सभागार में कई राष्ट्राध्यक्षों के सामने उत्तराखंड के लोकगीतों पर अपने सुरों के जादू बिखेरे।

उप्रती बहनों ने ‘देवी भवानी दैंणी हो, सिद्धि करिया गणेश, पंचदेव रक्षा करिया ब्रह्मा, विष्णु, महेश, खोली दे माता खोल भवानी.. गोरी गंगा भागीरथी को क्ये भलो रिवाड़ा’ भी गाया। उन्होंने देवभूमि के चार धाम, पंचकेदार, पंचाचूली, नंदा देवी, भगवती बाराही, सुरकंडा देवी, राजराजेश्वरी, माता भवानी को भी याद किया। जहां उत्तराखंड की लोकगीतों की जमकर सराहना की गई।

कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के छोटे से गांव हुड़ेती की रहने वाली दो सगी बहने ज्योति और नीरजा उप्रेती संगीत में पारंगत हैं। बड़ी बहन ज्योति हिंदी एमए हैं और 15 साल तक गायन के साथ ही संगीत अध्यापिका भी रह चुकी हैं। वे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की एक श्रेणीबद्ध गायिका भी हैं। वहीँ छोटी बहन नीरजा फिजियोथेरेपिस्ट हैं, वे भी टीवी पर प्रसारित होने वाले भारत के पहले पौराणिक रियलिटी शो स्वर्ण स्वर्ण भारत की प्रतियोगी भी रह चुकी हैं। नीरजा उप्रेती को राष्ट्रीय युवा आइकन पुरस्कार 2021 भी मिल चुका है। इसके अलावा वे टीवी पर प्रसारित होने वाले सिंगिंग रियलिटी शो का भी हिस्सा रह चुकी हैं। वहीं, दोनों बहनें संगीत के माध्यम से लोकभाषा को प्रमोट कर रही हैं। ज्यादातर मौकों पर उन्हें एक साथ गीत गाते देखा जाता है।

उप्रेती बहनों का कहना था कि देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते हैं। पहाड़ की ठंडी हवा, ठंडे पानी को दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों के सामने पहुंचाया। उनका कहना है कि हमारी संस्कृति हमारा सम्मान है। अपनी विराट संस्कृति और इसकी अनमोल विरासत और परंपराओं पर वह गर्व की अनुभूति करती हैं।

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