Uttarakhand Assembly winter session: उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामेदार हुई। विधानसभा में सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष कांग्रेस ने कई मुद्दों को लेकर धामी सरकार को घेरने के लिए मोर्चा संभाल लिया था। सात दिवसीय शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगा। सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। विधानसभा में कांग्रेस कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर दिखी। कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़, भुवन कापड़ी, राजेंद्र भंडारी, मदन सिंह बिष्ट विधानसभा में धरने पर बैठ गए।
प्रश्नकाल में विपक्ष के विधायकों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सवाल पूछे। झबरेडा विधायक नरेंद्र जाति ने इकबालपुर नहर परियोजना का मामला उठाया। वहीं, विक्रम सिंह नेगी ने टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने पर सवाल किया। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश ने नैनीताल जिले में टूटी सड़कों और क्षतिग्रस्त पुलों का मामला उठाया। विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने गढ़वाली-कुमाऊंनी जौनसारी बोली को लेकर सरकार से सवाल पूछा।
प्रश्नकाल के बाद पूर्व मंत्री केदार सिंह फोनिया के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त गई। वहीं टेंपो, विक्रम और निजी बस के मालिक और चालकों ने सरकार का सड़क पर उतर कर विरोध किया। उत्तराखंड राज्य में स्थापित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में तमाम परिवहन यूनियनों ने आज राज्यव्यापी चक्का जाम का एलान किया था। वाहनों की फिटनेस अनिवार्य करने और दस साल पुराने डीजल चलित ऑटो-विक्रम को बाहर करने के विरोध में राजधानी देहरादून सहित प्रदेशभर में विक्रम, ऑटो और सिटी बसों ने चक्का जाम किया था। इसके साथ ही ये सभी वाहन स्वामी विधानसभा भी पहुंचे। विधानसभा के आसपास इलाकों में आज लोगों को जाम का भी सामना करना पड़ा।
विधानसभा सदन और बाहर दोपहर तक शोर शराबा और हंगामा जारी रहा। लंच के बाद धामी सरकार ने सदन में कई 11 महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए। जिसमें प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 और और प्रदेश में धर्मांतरण कानून को लेकर संशोधन समेत 11 विधेयक सदन में पेश किए गए। विधेयक बुधवार को पास होंगे। वहीं, शाम करीब 4 बजे 5440 करोड़ का अनुपूरक बजट भी सीएम धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पेश किया।
शाम को सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड की मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। राज्याधीन सरकारी सेवाओं में उनके 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को संरक्षित करने के लिए हमने राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया है।