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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के होम क्वरंटाइन में जाने से राजधानी में हडकंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री की देखा-देखी कैबिनेट मंत्रियों ने भी कर ली और वह भी खुद ही होम क्वरंटाइन में चले गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ने भी जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि 29 मई की कैबिनेट बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों और स्टाप को अगर जरूरत पड़ती है तो होम क्वरंटाइन किया जाए।

सतपाल महाराज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को होम क्वारंटाइन में रखा गया है। मुख्यमंत्री के बाद सोमवार को सभी मंत्री खुद ही क्वरंटाइन हो गए हैं। मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के होम क्वरंटाइन में चले जाने के बाद राजधानी में हडकंप मच गया है। सोमवार को सुबह से ही वह सारे लोग परेशान हो गए हैं जो 29 मई की बैठक में उपस्थित थे। पत्रकारों को तो न उगलते बन रहा है और न निगलते बन रहा है। क्योंकि 29 मई को कई पत्रकार कैबिनेट बैठक की कवरेज को गए थे और वहां वह लगभग सभी मंत्रियों को संपर्क में भी आए। एक्सक्लूसिव खबरे बनाने वालों का तो हाल ही बुरा है। बताया गया है कि कुछ पत्रकार अलग से खबर बनाने के चक्कर में पर्यटन मंत्री से अलग से भी मिले थे। इसके बाद पत्रकार अपने कार्यालयों में आकर अन्य सहयोगियों से मिले। ऐसे हालात में आगे क्या होगा उसका पता नहीं है। ऐसा ही कुछ हाल अधिकारियों का भी है। पूरे मंत्रिमंडल  से जुडे अधिकारी और कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से संपर्क करने पर उन्होंने बातया कि किसी को भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि बैठक में क्योंकि काबीना मंत्री सतपाल महाराज उनके बगल में बैठे थे और वहां पर वह एक घंटे से ज्यादा रहे इसलिए उन्होंने एतिहात के तौर पर खुद को क्वरंटाइन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्य केंद्र द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई सलाह का पालन कर रहे हैं। जब मुख्यमंत्री को काबीना मंत्रियों और बैठक में मौजूद अधिकारियों के खुद ही क्वरंटाइन होने की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि वैसे तो इसमें किसी को भी डरने या घबराने की आवश्यकता इसलिए नहीं है क्योंकि बैठक में अन्य कोई भी मंत्री या अधिकारी क्लोज कान्टेक्ट में नहीं थे। इसलिए अन्य सभी कम रिस्क वाले कान्टेक्ट के अंतर्गत आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर भी अगर किसी को शंका हो रही है तो इसके जिलाधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है कि अगर कोई होम क्वरंटाइन होना चाहता है या अपनी जांच कराना चाहता है तो उसको वह सुविधा तत्काल ही उपलब्ध करा दी जाए।