Gunjan Dangwal died

उत्तराखंड को संगीत के क्षेत्र में आज बड़ी क्षति हुई। पहाड़ के युवा लोक गायक एवं उभरते संगीतकार गुंजन डंगवाल का आज सुबह एक सड़क हादसे में निधन हो गया। गुंजन डंगवाल के आकस्मिक निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी के मुताबिक जानकारी के मुताबिक गुंजन डंगवाल शुक्रवार रात को कार से चंडीगढ़ गए थे। और शनिवार सुबह चंडीगढ़ से देहरादून लौट रहे थे। इसीबीच पंचकुला के समीप उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। हादसा इतना भीषण था कि गुंजन की मौके पर ही मौत हो गई। गुंजन के आकस्मिक निधन से उत्तराखंड संगीत जगत स्तब्ध है। उनके  निधन पर उत्तराखंड म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े तमाम लोगों ने गहरा दुःख जताया है। सोशल मीडिया पर गुंजन के आकस्मिक निधन पर शोक संदेशों की भरमार होने लगी है। अनेकों लोग इस आकस्मिक घटना पर स्तब्ध हैं।

गुंजन डंगवाल मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के जाखणीधार के अखोड़ी गांव के रहने वाले थे। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के केदारपुरम में रहता है। गुंजन ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक भी किया था। साथ ही संगीत विशारद की भी उनके पास डिग्री थी। 26 वर्षीय गुंजन ने कम समय में ही संगीत क्षेत्र में मुकाम हासिल कर लिया था।

चैता की चैत्वालि…, नंदू मामा की स्याली रे कमला.., ऊडांदू भौंरा.., आज लागलू मंडाण.., ढोल दमों.. बाली ज्वानी का सुपिन्या, गंजयाली…. भग्यानी बौ, भामा मेरी.. जैसे सुपरहिट गीतों में संगीत दिया है। इनमे से नंदू मामा की स्याली, चन्द्रमा सूरज, बाली ज्वानी का सुपिन्या, गंजयाली गीतों उन्होंने ने संगीत के साथ-साथ बतौर गायक अपनी आवाज भी दी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गहरा दुःख व्यक्त किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के युवा लोकगायक एवं संगीत निर्देशक गुंजन डंगवाल के सड़क हादसे में निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।