Har-Ki-Paidi-scape-channel declare

har ki paidi as scape channel Order aborted : उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के 2016 में हरिद्वार में हर की पैड़ी को स्केप चैनल घोषित करने के आदेश को निस्तर कर दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव आवास ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हरिद्वार गंगा आरती में शामिल होने से दो दिन पूर्व सरकार ने हर की पैड़ी को फिर से गंगा का दर्जा दे दिया है। इसी के साथ खड़खड़ी से हर की पैड़ी होते हुए कनखल तक की जलधारा को स्वत: गंगा का दर्जा मिल गया है।

सचिव आवास शैलेश बगौली की ओर से बुधवार को इसके आदेश जारी किए गए। आदेश में विभाग की ओर से 14 दिसंबर 2016 को जारी शासनादेश में इस क्षेत्र का उल्लेख स्कैप चैनल के रूप में किए जाने संबंधित निर्णय समाप्त किए जाने की जानकारी दी है। हालांकि स्कैप चैनल शब्द हटाने के अलावा उक्त शासनादेश के अन्य बिंदू अब भी प्रभावी रहेंगे।

इस तरह इस क्षेत्र में निर्माणों पर फिर सवाल खड़ा हो सकता है। गौरतलब है मैदानी क्षेत्रों में गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे दो सौ मीटर के दायरे में निर्माण प्रतिबंधित करने संबंधित एनजीटी के आदेश के क्रम में राज्य सरकार दिसंबर 2016 में उक्त शासनादेश जारी किया था। इससे गंगा के दौ सौ मीटर दायरे में हुए निर्माण कार्यों को फौरी राहत तो मिल गई थी, लेकिन संत समाज सहित अन्य लोग शुरुआत से ही इस आदेश को निरस्त करने की मांग कर रहे थे।

क्या था पूरा मामला

वर्ष 2016 में हरीश रावत की कांग्रेस की सरकार ने हर की पैड़ी से होकर बहने वाली धारा को नहर(स्केप चैनल) घोषित किया था। उस के बाद से ही अखाड़ा परिषद सहित अन्य संत इसका विरोध कर रहे थे। यह मामला पिछले चार साल तक दबा रहा और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत इस आदेश को लेकर संतो के बीच पहुंच कर माफी मांगी तो यह मामला फिर उठ खड़ा हुआ था।