उत्तराखंड की धामी सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान की गई घोषणा के तहत राज्य में अंत्योदय परिवारों को साल में तीन गैस सिलेंडर देने का फार्मूला तय कर लिया गया है। इस योजना के दायरे में आने वाले व्यक्ति को पहले खुद गैस सिलेंडर खरीदना होगा। इसके बाद तेल कंपनियां डीबीटी के जरिए उपभोक्ता के बैंक खाते में गैस सिलेंडर के मूल्य के बराबर राशि जमा कराएगी।
इसके लिए उत्तराखंड सरकार गैस सप्लाई करनी वाली तेल कंपनियों को सिलेंडरों की कीमत की एकमुश्त रकम अदा करेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त विभाग ने खाद्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इस योजना के दायरे में प्रदेश के 1.76 लाख परिवार हैं। हालांकि पहले यह संख्या 1.84 लाख थी, लेकिन अपात्र को ना, पात्र को हां अभियान के तहत 7697 अंत्योदय परिवार अपने राशन कार्ड सरेंडर करा चुके हैं।
इसमें उज्जवला गैस योजना और सामान्य घरेलू गैस सिलेंडर पर लागू सब्सिडी की रिकवरी को लेकर पेंच फंस रहा था। जिसे अब दूर कर दिया गया है। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक् प्रदेश में वर्तमान में 1.84 लाख अंत्योदय परिवारों में 56 हजार परिवारों के पास उज्जवला गैस योजना के तहत घरेलू गैस का कनेक्शन है।
हाल में केंद्र सरकार उज्जवला गैस योजना में प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय कर चुकी है। बाकी सवा लाख से ज्यादा परिवारों को सामान्य दर पर प्रति सिलेंडर करीब 16 रुपये ही सब्सिडी मिलती है। प्रत्येक लाभार्थी को उसकी सब्सिडी कम करके गैस का मूल्य दिया जाएगा।