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देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर शुक्रवार को प्रदेशभर में जगह-जगह विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गए। राजधानी देहरादून में ही कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह आयोजित किये गए। इसीक्रम में संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित समारोह में लोक कलाकारों ने नृत्य और पहाड़ी गीतों की सुंदर प्रस्तुति देकर लोक संस्कृति की छटा बिखेरी।

शुक्रवार को नगर निगम टाउन हाल में राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड लोकनृत्य और लोकगीतों की संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें लोक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी लोकगीतों और नृत्य की प्रस्तुति देकर उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, रेशमा शाह और माया उपाध्याय ने अपने मधुर गीतों से सभी लोगों को अपनी संस्कृति से रूबरू कराया।

जैसे ही लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने धरती हमारा गढ़वालै की कथगा रौंतेली स्वाणी चा और लयूँ छौ भाग छांटि की.., देयूँ छौ वेकु अनज्वालू ना.. गीत गाया तो पूरा आडिटोरियम तालियों से गूंज उठा। लोक गायक नेगी ने राज्य आंदोलन से जुड़े कई गीत गाए। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

पवेलियन मैदान में जागर गायिका पद्मश्री बसंती देवी के मांगल गीतों से हुआ कार्यक्रम का आगाज

राज्य स्थापना दिवस पर शुक्रवार को राजधानी देहरादून के पवेलियन मैदान में उत्तराखंड उदय सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक महोत्सव का शानदार आयोजन किया गया। जागर गायिका पद्मश्री बसंती देवी के खुबसूरत मांगल गीतों तथा मां नंदा के जागरों के साथ रंगारंग कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। इसके बाद जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने अपने चिरपरिचित अंदाज में पहाड़ी जागर एवं पांडव वार्ता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा लोक गायिका स्वर कोकिला मीना राणा ने भी अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेरा। uttarakhand-samman-samarohउत्तराखण्ड के स्टार कलाकार अमित सागर ने अपने सुपरहिट गीत चैता की चैत्वाली गाकर  दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।

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