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उत्तराखण्ड के बागेश्वर जनपद के मूल निवासी नन्हे ग्रैंडमास्टर सदभव रौतेला मात्र 8 वर्ष की उम्र में शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है। विज्ञापन कंपनी फिडे की ओर से जारी ताजा सूची में 1800 रेटिंग अंक हासिल कर नन्हे ग्रैंडमास्टर सदभव रौतेला एशिया के नंबर वन खिलाड़ी बन गए हैं। फिडे की ओर से जारी ताजा रैंकिंग में सदभव ने अंडर-9 आयु वर्ग में उजबेकिस्तान के खुमोयुन बागमुरातोव को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया है।

सदभव रौतेला भी भारत के पहले जूनियर ग्रैंड मास्टर चमोली गैरसैण के परिमार्जन नेगी की राह पर चल रहे हैं। बतादें कि भारत के पहले जूनियर ग्रैंड मास्टर परिमार्जन नेगी ने साल 2002 में 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के एशियाई चैंपियन बने थे।

पिछले साल 28 नवंबर से छह दिसंबर के बीच दिल्ली में खेली गई नेशनल जूनियर शतरंज प्रतियोगिता में आठ साल के सदभव रौतेला ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए 54 ELO प्वाइंट हासिल किए।

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सदभव की ही तरह उनके बड़े भाई सक्षम रौतेला भी एक इंटरनेशनल चेस प्लेयर हैं और कई सारे टूर्नामेंट्स जीत चुके हैं। सक्षम ने हाल ही में मुंबई में हुए आईआईएफएल टूर्नामेंट में ग्रैंड मास्टर कैटेगरी में खेलते हुए दो ग्रैंड मास्टर को हराया और एक इंटरनेशनल मास्टर के साथ ड्रा खेला। जिसके बाद उन्होंने 86 रेटिंग प्वाइंट हासिल तो किए परन्तु बहुत कम अंतर से वह इंटरनेशनल मास्टर बनने से चुक गए। सक्षम के वर्तमान में 2123 रेटिंग अंक है।