आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों में ह्रदय संबंधित बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ा है। अगर हम भारत की बात करें तो पिछले कुछ समय से कई सेलिब्रिटीज की हार्ट अटैक से हुई मौत भी चिंता में डाले हुए है। भागती-दौड़ती जिंदगी में लोगों को अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने का मौका नहीं मिलता, जिसका उन्हें खामियाजा चुकाना पड़ता है। हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं होती। बॉलीवुड सिंगर केके, टीवी सीरियल कलाकार सिद्धार्थ शुक्ला, अभी पिछले दिनों दिग्गज हास्य अभिनेता राजू श्रीवास्तव की हार्ट अटैक से हुई मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
अब यह युवाओं में भी तेजी के साथ होने लगी है। इसका बड़ा कारण है जीवन शैली में आया बदलाव। आज विश्व हृदय दिवस (हार्ट डे) है। दुनियाभर में हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के दिन के रूप में मनाया जाता है। कोरोना महामारी के दौरान दिल के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा गलत खानपान व जीवन शैली के कारण भी हृदय की सेहत पर असर पड़ा है। हृदय मनुष्य शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। अगर हृदय अपना काम करना बंद कर दे तो व्यक्ति की मौत हो जाती है। हमारी खराब दिनचर्या के कारण सेहत पर खराब असर पड़ रहा है, जिससे हृदय को भी काफी नुकसान पहुंचता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दिल ही है, जिस पर सबसे अधिक बोझ पड़ता है। तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई वजहों से रक्त का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है, इसीलिए विश्व हृदय दिवस लोगों में यह भावना जागृत करता है कि वे हृदय की बीमारियों के प्रति सचेत रहें।
दिल की बीमारियों से जागरूक करने के लिए साल 2000 में पहला वर्ल्ड हार्ट डे मनाया गया था
बता दें कि साल 2000 में दुनिया भर के लोगों को दिल से संबंधित बीमारियों से जागरूक करने के लिए वर्ल्ड हार्ट डे की शुरुआत हुई थी। 1999 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इसकी शुरुआत हुई थी। हालांकि, तब तय हुआ था कि सितंबर के आखिरी रविवार को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। पहला वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मना था। 2011 तक यही सिलसिला चला। मई 2012 में दुनियाभर के नेताओं ने तय किया कि नॉन-कम्युनिकेबल डिसीज की वजह से होने वाली मौतों को 2025 तक घटाकर 25% लाना है। इसमें भी आधी मौतें सिर्फ दिल के रोगों की वजह से होती है। जिसके बाद हर साल वर्ल्ड हार्ट डे सितंबर माह के अंतिम रविवार को मनाया जाने लगा।
फिर साल 2014 से विश्व हृदय दिवस को 29 सितंबर के दिन मनाया जाने लगा। विश्व हृदय दिवस का एकमात्र उद्देश्य ह्रदय से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए लोगों में जागरूकता पर ध्यान देना है। इसके जरिए हर साल कई देशों में कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को हृदय के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है। अपने हार्ट के सेहत यदि ठीक रहना है तो आपको सबसे पहले अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव लाना होगा। देर रात तक जागने से बचें । व्यायाम का भी विशेष ध्यान रखें। दिल की सेहत के लिए कार्डियो एक्सरसाइज को बेहतर माना जाता है। रोज कम से कम 40 मिनट वॉक करें या साइकिल चलाएं। इसके अलावा स्विमिंग भी फायदा पहुंचाती है।
शंभू नाथ गौतम