vinod-magain-murder-in-delhi

नई दिल्ली : बीते एक सप्ताह में उत्तराखंड वासियों के लिए दिल्ली से एक और दुखद खबर है। पहले पौड़ी गढ़वाल का 19 वर्षीय युवक दिलवर सिंह नेगी दिल्ली के दंगों की भेंट चढ़ गया। और अब दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 में रहने वाले उत्तराखंड मूल के एक युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई है। युवक की पहचान 36 वर्षीय विनोद प्रसाद ममगाईं, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड के रूप में हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के रहने वाले विनोद ममगाईं वर्तमान में दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 के पॉकेट A-3 में रहते थे। विनोद द्वारका सेक्टर-19 बी में एक पावर कंपनी में काम करते थे। शनिवार (29 फरवरी) को वह नौकरी पर गए थे। लेकिन घर नहीं लौटे। रविवार सुबह (1 मार्च ) उनका शव वेस्ट दिल्ली के मोती नगर थाना क्षेत्र में पुलिस को मिला। उनके शरीर पर कई जगह चाकू से वार किए गए थे। उनके दोनों हाथ भी काटे गए थे। पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह करीब 9 बजे पीसीआर कॉल मिली थी। बताया गया था कि एक शव छठ घाट बसई धारापुर के पास पड़ा हुआ है। पुलिस का कहना है कि इन्हें चाकू और किसी अन्य तेज धारदार हथियार से मारा गया है। पुलिस जांच कर रही है कि विनोद की हत्या क्या लूटपाट के इरादे से की गई या फिर इसकी वजह कुछ और थी।

विनोद ममगाईं का अंतिम संस्कार आज दिल्ली के निगम बोध घाट पर कर दिया गया है। उनकी अंतिम विदाई में मयूर विहार फेज-3 की सामाजिक संस्था “गढ़वाल भ्रात सांस्कृतिक समिति” के अध्यक्ष अशोक गुसाईं, प्रदीप नेगी, एस बी नेगी एवं अन्य सदस्यों के अलावा समाजसेवी उदय ममगाईं राठी, बृजमोहन उप्रेती, पृथ्वी रावत, राकेश रावत, UKD के रणजीत गडाकोटी, गढ़वाल हितैषिणी सभा के पूर्व अध्यक्ष गम्भीर सिंह नेगी सहित उत्तराखंड समाज के कई लोग शामिल हुए।

भाजपा नेता उदय ममगाईं राठी ने बताया कि मृतक विनोद की नृशंस हत्या करने वाले अपराधियों का पता लगाने एंव सजा दिलाने को लेकर कल यानी मंगलवार (3 मार्च 2020) को उत्तराखंड समाज के लोग मोती नगर थाना के एसएचओ (थाना अध्यक्ष) से मिलने जा रहे है। उन्होंने उत्तराखंड समाज के लोगों से अपील की है मंगलवार को दोपहर 12 बजे ज्यादा से ज्यादा संख्या में मोती नगर थाने में पहुंच कर पहाड़ के बेटे को न्याय दिलाने के लिए एक जुट एक मुट हों। पहले किरन नेगी फिर दलबीर नेगी और अब विनोद ममगाईं, उत्तराखंड के लोगों के साथ दिल्ली में हो रही घटनाओं से समाज के लोगों में आक्रोश है।

इस घटना में एक और पहलू भी सामने आ रहा है, मृतक विनोद के भाई खुशाल ममगाईं ने बताया कि 29 फरवरी को विनोद ने अपनी पत्नी को फोन कर कहा कि मेरी जान बचा लो, नहीं तो मेरी कम्पनी के लोग मुझे जान से मार देंगे। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। खुशाल ममगाईं ने बताया कि इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है। और पुलिस ने कुछ लोगों से इस बारे में पूछताछ भी की है।