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श्रीनगर गढ़वाल : राजकीय इंटर कॉलेज स्वीत के सभागार में कोविड-19 के नियमों के तहत सामाजिक दूरी का पालन करते हुए 22वां बाल प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य आरएस रावत ने की। मुख्य अतिथि मंडलीय व्यापार सभा के अध्यक्ष वासुदेव कन्डारी, विशिष्ट अतिथि लक्ष्य कोचिंग इन्स्टीट्यूट के निदेशक जितेन्द्र धिरवाण तथा अति सम्मानीय अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार राकेश मोहन कंडारी रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित करके की। कार्यक्रम मुख्य अतिथि वासुदेव कन्डारी ने बाल प्रतिभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा अखिलेश चन्द्र चमोला श्री क्षेत्र के गौरव हैं। निरन्तर 22 वर्षों से अपने निजी व्यय पर बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने हेतु सम्मान समारोह का आयोजन करते रहते हैं। इस तरह के आयोजन बच्चों के लिए बडे ही लाभकारी होते हैं। सम्मान मिलने से उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र धिरवाण ने शिक्षक चमोला के कार्यों की अनुशंसा करते हुए कहा कि अपने अध्यापन कार्य के साथ ही भावी पीढ़ी के लिए इस तरह के व्यापक कार्यक्रम करना अपने आप में नया कीर्तिमान स्थापित करना है। इस तरह के कार्यक्रम लक्ष्य प्राप्त करने में काफी सहायक होते हैं।child talent honor ceremony

राकेश मोहन कन्डारी ने कहा कि बच्चे ही राष्ट्र की महत्वपूर्ण धरोहर हैं। इनकी मजबूती से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। इनका सम्मान करना सम्पूर्ण राष्ट्र का सम्मान करना है। शिक्षक चमोला छात्रों को समानित करने के साथ ही नशे से दूर रहने की प्रेरणा देते रहते हैं। कार्यक्रम संयोजक राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित हिंदी अध्यापक अखिलेश चन्द्र चमोला ने अपने सम्बोधन में कहा कि युवाओं में असीम प्रतिभा निहित रहती है। ये ही हमारी महत्वपूर्ण पूंजी है। हमें इनके समक्ष हमेशा अपने आदर्श प्रस्तुत करने चाहिए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल प्रतिभाओं की पहचान करना है। बाल प्रतिभाओं को मंच देकर उनके गौरव मे वृद्धि करनी है। साथ ही चमोला ने भावी पीढ़ी को नसीहत देते हुए कहा कि अपने जीवन में नशीले पदार्थों का सेवन कभी न करें। नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला व्यक्ति समूचे समाज के लिए भार बन जाता है। हमें अपनी भारतीय संस्कृति का संरक्षण करते हुए महापुरुषों के आदर्शों को भी अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए। परीक्षा में अच्छा प्रतिशत लाने के साथ ही आदर्श विद्यार्थी बनने का भी प्रयास करना चाहिए। अच्छे संस्कारों की आगे बढने मे विशेष भूमिका होती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य ने कहा कि शिक्षक चमोला शिक्षक समुदाय के लिए विशिष्ट उदाहरण हैं। भावी पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के सराहनीय कार्य करते रहते हैं। इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों में प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा होता है। फिर उन्हें अपने लक्ष्य प्राप्त करने में किसी तरह की कठिनाई नहीं होती है। चमोला के प्रयास अनुकरणीय हैं। सम्मान मिलने पर छात्रों के चेहरे में खुशी से खिल उठे। सम्मान समारोह में चमोला द्वारा बाल प्रतिभाओं को आकर्षक मेडल तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये।