dhari-ki-ramlila-2021

पौड़ी जनपद की मनियारस्यू पट्टी के धारी गांव की प्रसिद्ध रामलीला का मंचन पिछले कुछ वर्षो से दिन में होता आ रहा है। जिससे इस रामलीला को बुर्जुग, युवा, बच्चे सभी लोग देख सकते हैं। रामलीला मंचन का आज छठवां दिन था। छठवें दिन मंचन के दौरान जब भगवान राम माता सीता की खोज में भटकते रहते हैं तो उनकी हनुमान से भेंट होती है, उस औलोकिक दृश्य को देखने यहाँ भारी संख्या में श्रदालुओं का सैलाब उमड़ जाता है। पूरा पंडाल भक्तिमय हो जाता है। धारी की रामलीला देखने दूर दराज से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आज भी दिल्ली के प्रवासी, पौड़ी, सतपुली, कल्जीखाल ब्लॉक के आस-पास गांवो से श्रद्धालु यहाँ पहुंचे। यहां की रामलीला एक अनूठी रामलीला है। पुराने दर्शकों का कहना है कि यहां पर जो भी रामलीला मंचन का दर्शन आस्था पूर्वक करता है उसकी मनोकामना भी पूरी होती है।

आज रामलीला के छठवें दिवस पर हनुमान-राम मिलन का दृश्य देखकर दर्शक दीर्घा में बैठे श्रद्धालु भक्तिमय हो गए। और हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने हनुमान जी को प्रसाद के रूप में फल चढ़ाएं। इसके पश्चात धारी गांव के भरत सिंह रावत द्वारा सभी श्रद्धालुओं को भंडारे के रूप में प्रसाद ग्रहण करवाया गया। आज मुख्य दर्शकों में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि राजकुमार पोरी के साथ उनके सहयोगी रामलीला देखने एवं हनुमान जी का आशीर्वाद लेने धारी गांव पहुंचे। उन्होंने कहां धारी की रामलीला अपने आप में अनूठी रामलीला है। उन्होंने बताया कि रावण बहुत शक्तिशाली राजा था। सारी सुख सुविधाएं, सोने की लंका, युद्ध के लिए इतनी बड़ी सेना यहाँ तक कि सभी दिगपाल भी उसके अधीन थे। परन्तु फिर भी उसकी पराजय हो गई। क्योंकि वह अर्धम के मार्ग पर था। और भगवान श्रीराम की जीत हुई। क्योंकि भगवान राम के साथ भाई लक्ष्मण था, वह धर्म के मार्ग थे। जबकि रावण के भाई विभीषण ने उनका साथ छोड़ दिया और राम की शरण में चलें गए। रावण के पतन का कारण उसका भाई विभीषण ही । क्योंकि वह रावण के सारे भेद जानता था।

इसी प्रकार बाली, सुग्रीव (भाई-भाई) की भी आपस में गलतफहमी के कारण दुश्मनी हो गई और बाली को अपने प्राणों का गंवाने पड़े। उन्होंने बताया कि रामलीला मंचन देखने और उन दृश्यों को देखकर भगवान राम के चरित्र को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। जो भी बुराइयां हम और आम लोगों में हैं उन्हें आज श्री रामचंद्र जी के चरणों में ही छोड़ देने का संकल्प लेना चाहिए।

उन्होंने धारी की रामलीला मंचन के कलाकारों, धारी के ग्राम वासियों और रामलीला समिति के संगठित समाज की जमकर सराहना की। उनके साथ सुभाष रावत, आशुतोष रावत, दीपक मणि मौजूद थे। आज विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं पलायन आयोग के सदस्य दिनेश रावत एवं परिवार सहित भगवान श्री राम एवं हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने धारी रामलीला में पहुंचे। आज छठवें पौड़ी, सतपुली, कल्जीखाल एवं मनियारस्यूं पट्टी के आसपास के भारी संख्या में श्रद्धालु रामलीला मंचन और हनुमान राममिलन दृश्य देखने विशेष तौर पर धारी गांव पहुंचे। धारी रामलीला मंचन के अधिकतर अभिनय करने वाले पात्र मुंबई, दिल्ली आदि शहरों से आए हुए हैं। धारी गांव इन दिनों काफी गुलजार हो रखा है। इन दिनों गांव में शादियों का भी सीजन है जिस कारण धारी गांव में भारी संख्या में प्रवासी रामलीला मंचन में प्रतिभाग करने एवं शादी में सम्मिलित होने गांव पहुंच रहे हैं। धारी गांव में इन दिनों अयोध्या नगरी जैसा माहौल हो रखा है। यहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध है। गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध है। रामलीला मंचन बेहतरीन इंडोर ऑडिटोरियम के अंदर होती है। दर्शकों को बैठने के लिए उचित व्यवस्था है। साथ ही स्वच्छता को देखते हुए सुलभ शौचालय की भी व्यवस्था की गई है।

धारी गाँव से जगमोहन डांगी की रिपोर्ट