Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। वहीं, अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
बता दें कि पुलकित आर्य का एक से तीन फरवरी के बीच पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाना था। टेस्ट का स्लॉट विशेषज्ञों की उपलब्धता पर निर्भर था। पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद आरोपी का नार्को टेस्ट भी किया जाना था। इसके लिए पुलिस पहले ही करीब 30 सवालों की फेहरिस्त तैयार कर चुकी थी। सोमवार को मामले की सुनवाई वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार, अंकिता भंडारी की हत्या के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। जिसमे कहा गया है कि जांच अधिकारी द्वारा सक्षम अदालत से उनका नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटद्वार ने यह अनुमति दी थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटद्वार के इस आदेश को पुलकित ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। कहा गया कि इस मामले के दो अन्य आरोपियों ने टेस्ट कराने की सहमति नहीं दी है। उन पर जांच अधिकारी के द्वारा बार-बार नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए दवाब डाला जा रहा है। वह अपना नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं कराना चाहते है। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता।
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि पौड़ी जिले श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। ये रिसॉर्ट बीजेपी के पूर्व नेता के बेटे पुलकित आर्य का है। अंकिता इस रिजॉर्ट में नौकरी लगने के 20 दिन बाद ही 18 सितंबर 2022 को रिसोर्ट से रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी। जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की जांच में ढिलाई बरती गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था। अंकिता की मौत के बाद करीब पांच दिनों तक पुलकित और उसके दोनों कर्मचारी अंकिता के माता-पिता को गुमराह करते रहे। हालांकि पांच दिनों बाद जब पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया तो उन्होंने पूरा सच उगल दिया और फिर पुलिस ने उनकी निशानदेही पर चीला नहर से अंकिता लाश बरामद की। तभी से तीनों आरोपी जेल में बंद हैं।