Circle of lands in Uttarakhand

Land circle rate in uttarakhand : उत्तराखंड में अब घर बनाना और महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में जमीनों के सर्किल रेट में 33.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है। वहीँ पांच फीसदी इलाकों में जहां 100 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हुई, जबकि 85 फीसदी क्षेत्रों में 50 फीसदी से कम रेट बढ़ाए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सीएम आवास में हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसले में लिए गए।

दरसल कोविड के चलते सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए सर्किल रेट नहीं बढ़ाए थे। अब चूंकि स्थिति सामने हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने नए सर्किल रेट जारी कर दिए हैं। एक-दो दिन के भीतर पूरे राज्य में सर्किल रेट लागू होने की उम्मीद है।

कैबिनेट बैठक के हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि सर्किल रेट में औसत बढ़ोतरी 33.6 प्रतिशत है। कृषि की जमीनों की दरों में 32.47 और अकृषि जमीनों की दरों औसत 34.83 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पूरे राज्य में कृषि क्षेत्र में 22,912 और अकृषि में 34082 यूनिट (क्षेत्र) के आधार पर सर्किल रेट तय किया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 86 प्रतिशत क्षेत्र ऐसा है जहां सर्किल रेट में 50 प्रतिशत से कम बढ़ोतरी हुई है। 9 प्रतिशत क्षेत्र में सर्किल रेट में 50 से 100 प्रतिशत और पांच प्रतिशत क्षेत्र में 100 से 300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। वहीं दून व अल्मोड़ा के कुछ हिस्सों में मौजूदा सर्किल रेट में गिरावट भी आई है।

उन्होंने बताया कि राज्य स्थापना से लेकर अब तक प्रदेश में सर्किल रेट औसत 20 गुना बढ़ गया है। इस साल सर्किल रेट में बढ़ोतरी के बाद 1700 करोड़ राजस्व मिलेगा। सभी राजस्व ग्रामों को जीआईएस मैपिंग के माध्यम से जोड़ा गया है। सर्किल रेट में विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि पर्वतीय जिलों में भी जमीनों की खरीद-फरोख्त बढ़ने की वजह से सर्किल रेट में करीब 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

जोशीमठ में 15 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी

आपदा प्रभावित जोशीमठ शहर में सर्किल रेट में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। अभी वहां चार लाख रुपये प्रति नाली सरकारी दर है। अब इसे 4.60 लाख रुपये प्रति नाली कर दिया है। माना जा रहा है कि सर्किल रेट बढ़ने से सरकार को आपदा प्रभावितों को मुआवजा के रूप में अतिरिक्त रकम देनी पड़ती।

नैनीताल माल रोड प्रदेश की सबसे महंगा क्षेत्र

नए सर्किल रेट की दृष्टि से नैनीताल माल रोड प्रदेश की सबसे महंगा क्षेत्र है। वहां सर्किल रेट 66 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति वर्गमीटर निर्धारित किया गया है। प्रदेश में बीते तीन वर्षों से सर्किल रेट में वृद्धि नहीं हुई थी। यद्यपि उत्तराखंड स्टांप (संपत्ति मूल्यांकन) नियमावली, 2015 के अनुसार सर्किल रेट प्रति वर्ष बढ़ाए जाने हैं। कोरोना महामारी के चलते सर्किल रेट बढ़ाने का निर्णय टलता रहा।

कहाँ कितना बढ़ा सर्किल रेट

जनपद अल्मोड़ा के गरकोट, लोहेडा, रीठा, कुनियाल गांव आदि कुल 47 क्षेत्रों के सर्कल रेट में 46 प्रतिशत तक की कमी की गयी है अर्थात 49 लाख से घटाकर 25 लाख प्रति हेक्टर की गयी है। जनपद देहरादून के विकासनगर के भलैर, पपडियान, बावनधार, मदर्स एवं मटोगी आदि क्षेत्रों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। जनपद नैनीताल के डोली गांव, जसपुरिया लाईन कसेरा लाईन, खन्सयू, काला आगर आदि 33 क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से कम वृद्धि की गयी है। जनपद हरिद्वार के रोशनाबाद- बिहारीगढ़ मार्ग पर सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। हरिद्वार के अब्दुल हसनपुर, अलमासपुर1300 से 1350 रू प्रति वर्ग मीटर, सलेमपुर बकवाल 3350 से 3500 रू प्रति वर्ग मीटर, पठानपुरा में 18000 से 19000 रु प्रति वर्ग मीटर, भगवानपुर मेन बजार, मेवड़ खुर्द, अलमासपुर इत्यादि 13 क्षेत्रों में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है। जनपद चमोली में बदीनाथ, बामडी एवं अन्य 526 क्षेत्रों में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है। जनपद रूद्रप्रयाग में दानकोट बडकोट बासी, धारकोट, नरकोटा, जखोली, कोठीपाडा आदि कुल 203 क्षेत्रों में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है। जनपद अल्मोड़ा के लोअर माल रोड, जनपद देहरादून के विकास नगर में इस्ट हॉप टाउन, केशोदाला आरकेडिया ग्राण्ट, डोईवाला, जनपद हरिद्वार में बीएचईएल रोड एवं जनपद नैनीताल के माल रोड (झील के किनारे) क्षेत्रों में 50-100 प्रतिशत तक वृद्धि की गयी है। जनपद देहरादून के गुनियाल गांव, जनपद हरिद्वार के बहादराबाद जनपद ऊधम सिंह नगर के किच्छा में एम्स / पराग फॉम / इण्डस्ट्रीयल पार्क एवं जनपद नैनीताल के सतरंगा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की गयी है।

उक्त क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियां जैसे कि नई टाउनशीप / प्रस्तावित नेशनल हाइवे / रिंग रोड / रेल परियोजनाएं एवं औद्योगिक विकास आदि के तीव्र होने एवं अनौपचारिक बाजारी सर्वे एवं रियल स्टेट पोर्टल पर उच्च दरें तथा उपनिबंधक कार्यालयों में उच्च मूल्य पर लेख पत्र पंजीकृत होने के दृष्टिगत सर्किल दरों का पुनरीक्षण किया गया है।

सर्किल दरों के पुनरीक्षण से राजस्व वृद्धि के अतिरिक्त काश्तकारों की मुआवजा राशि में वृद्धि होगी, भू स्वामी को उचित दाम प्राप्त होगा, गृह स्वामी / व्यवसायियों एवं निवेशकों को वित्तीय संस्थाओं से ऋण की प्राप्ति होगी, जिससे विकास को गति मिलेगी एवं सर्किल दरों और प्रचलित वास्तविक बाजार दरों में अंतर को कम करने से रियल स्टेट में काले धन के प्रवाह को रोकने में सहायता प्राप्त होगी।