Chamoli current Accdent: उत्तराखंड के चमोली में 19 जुलाई को नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे के बाद चमोली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। चमोली पुलिस ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट से हुई 16 लोगों की मौत और 11 के झुलसने के मामले में विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही के आरोप में जल संस्थान के एई हरदेव आर्य समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की ओर से ज्वाइंट वेंचर कंपनी के सुपरवाइजर पवन चमोला, विद्युत विभाग की लाइनमैन महेंद्र सिंह और उत्तराखंड जल संस्थान गोपेश्वर के सहायक अभियंता हरदेव लाल आर्य को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। मुख्य फोकस हादसे के प्रमुख कारण और लापरवाही करने वालों का पता लगाने पर है। इसके अलावा प्लांट संचालक कंपनी ने अपनी जिम्मेदारियों को कितना निभाया, इसकी भी जांच की जा रही है। एक दिन पहले हादसा होने के बाद भी कंपनी के अधिकारियों ने गंभीरता क्यों नहीं दिखाई, इसका जवाब भी तलाशा जा रहा है। इसके लिए प्लांट का संचालन कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि बीती 18 जुलाई की रात्रि को चमोली में अलकनंदा नंदी के तट पर चमोली पुराना बाज़ार स्थित नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ड्यूटीरत ऑपरेटर गणेश का शव 19 जुलाई सुबह के समय सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर सीढ़ियों के पास पड़ा हुआ मिला था। घटना की सूचना पर थाना चमोली से चौकी प्रभारी पीपलकोटी उपनिरीक्षक प्रदीप रावत, उपनिरीक्षक रामेश्वर प्रसाद भट्ट, होमगार्ड गोपाल, होमगार्ड मुकुन्दी लाल, पीआरडी जवान रामचन्द्र पंचायतनामा की कार्रवाई के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे। प्रथम दृष्टया ऑपेरटर की मृत्यु बिजली के करंट लगने के कारण होना प्रतीत हो रहा था। सम्पूर्ण परिसर में करंट फैले होने की आशंका के तहत पुलिस बल द्वारा परिसर में प्रवेश नहीं किया गया।
विद्युत उपखण्ड कोठियालसैंण में संविदा पर तैनात लाईनमैन सैन सिंह द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट न होने की पुष्टि करने के पश्चात ही पंचायतनामे की कार्यवाही के हेतु उनि प्रदीप रावत द्वारा पुलिस बल के साथ एसटीपी परिसर में प्रवेश किया गया।
इस दौरान वहां मृतक गणोश के शव को न उठाने व मृतक के परिजनों को तत्काल मुआवजा दिए जाने को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण व स्थानीय निवासी जमा हो गये। मौके पर मौजूद पुलिस बल द्वारा लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा था। इस दौरान लाईनमैन सैन सिंह, सतेन्द्र, गोपाल द्वारा निजमुला- कोठियाल सैंण विद्युत लाईन में अल्कापुरी के पास आये फाल्ट को ठीक करने के पश्चात लाईनमैन सैन सिंह द्वारा महेन्द्र सिंह को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक व्यक्ति के मृत पड़े होने की सूचना दी गयी। लेकिन महेन्द्र सिंह द्वारा इस पर कोई सावधानीपूर्वक विचार नहीं किया और फॉल्ट मिलने पर समय 11:12 बजे सब स्टेशन कोठियालसैंण से शटडाउन लिया तथा फॉल्ट ठीक करने पर बिना किसी जांच पडताल के समय लगभग 11:25 बजे शटडाउन वापस ले लिया, जिससे एसटीपी प्लांट पर करंट बढ गया और खुली लाईन एवं चेंज ओवर में धमाके के साथ चारों तरफ करंट फैल गया जिससे वहां अफरा-तफरी फैल गयी और लोग एक दूसरे पर करंट लगने से गिर गये।
जिसके पश्चात लगभग 11:29 बजे पुलिस के हस्तक्षेप से लाईट बंद करायी गयी व घायलों को स्थानीय पुलिस व प्रशासन के द्वारा जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया, जिसमें उनि प्रदीप रावत व 3 होमगार्डस सहित कुल 16 लोगों की मृत्यु हो गयी एवं 11 व्यक्ति घायल हुए।
20 जुलाई को कोतवाली चमोली पर हल्का पटवारी नीरज स्वरूप द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली चमोली पर मुकदमा अपराध संख्या 29/2023 धारा 304 भादवि तथा 13 / 31 खतरनाक मशीन विनियमन अधिनियम 1983 बनाम पवन चमोला पंजीकृत किया गया है। अभियोग की विवेचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली चमोली कुलदीप रावत द्वारा की जा रही है। अभियोग की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा अभियोग के सफल अनावरण वास्तविक अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए क्षेत्राधिकारी चमोली प्रमोद कुमार शाह के नेतृत्व में 3 टीमों का गठन कर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में विद्युत उपकरण सुरक्षा मानकों, अनुबंध की शर्तों, विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र आदि ¨बदुओं पर गहराई से विवेचना करने के निर्देश दिए।
विवेचना के दौरान विद्युत सुरक्षा विभाग, जल संस्थान के अधिकारियों से बात करने के बाद एवं निरीक्षण घटनास्थल से इस बात की पुष्टि हुई कि, एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी 1 – जबीएम व 2 – कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इण्डिया प्राईवेट लिमिलेट द्वारा नियुक्त सुपरवाईजर पवन चमोला तथा प्लांट के संचालन को देख रहे जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य तथा ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों ने खतरनाक विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती और सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा और इस प्रकार पूरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टीनशेड एवं विद्युत सुचालक लौह धातु से बनी संरचना में इस प्रकार चलाया जा रहा था। जिससे दिनांक 19 जुलाई को करंट लीक होने से जघन्य अपराध मानव वध की घटना घटित हुई।
विवेचना में एसटीपी प्लांट के संचालन एवं सुपुर्दगी के अनुबंध में गंभीर अनियमितताएं पायी गयी हैं एवं पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में संलिप्त 3 अभियुक्तों को दिनांक 21 जुलाई को बाद कड़ी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है।
नमामि गंगे के सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर हुई भीषण दुर्घटना में विघुत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही करने वाले 03 अभियुक्तों को चमोली पुलिस ने किया गिरफ्तार pic.twitter.com/kUIV1ckOlK
— Chamoli Police Uttarakhand (@chamolipolice) July 22, 2023