Kotdwar news: कोटद्वार क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आई आपदा के चलते कोटद्वार दुगड्डा के बीच क्षतिग्रस्त हुआ मेरठ-पौड़ी हाईवे आवागमन के लिए खुल गया है। बतादें कि बीती 8 अगस्त से भूस्खलन और बोल्डर आने से मेरठ-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग 534 बंद पड़ा था। जो अब खुल गया है। हाईवे को खोलने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने 6 जेसीबी मशीन और दो क्रेन की मदद ली। यह हाईवे कोटद्वार दुगड्डा के बीच आमसौड़ में बंद हो गया था। अब हाईवे खुल जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय विधायक कोटद्वार तथा विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के साथ कोटद्वार में आपदाग्रस्त क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी आशीष चौहान को जनपद में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हित कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रभावितों के लिए जरूरी सामान जैसे कपड़े, राशन, पेयजल और विद्युत की व्यवस्था आपद मद से करने की बात कही है।
उसके बाद पौड़ी डीएम आशीष चौहान ने कोटद्वार के आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने दुगड्डा से कोटद्वार तक हाईवे का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कोटद्वार एसडीएम को दुगड्डा से कोटद्वार के बीच भूस्खलन से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का ड्रोन सर्वे और हाई डेफिनेशन फोटोग्राफी करने को कहा। साथ ही क्षति का आकलन करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोटद्वार-दुगड्डा के बीच यातायात को सुचारू रखने के लिए जेसीबी तैयार रखें। ताकि, समय पर हाईवे से मलबा आदि हटाया जा सके।
देहरादून समेत छह जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट
उत्तराखंड में बरस रही आफत की बारिस से अभी लोगों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। मौसम विभाग के मुताबिक आज प्रदेश के छह जिलों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत में शनिवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि अन्य जिलों में भी बारिश का यलो अलर्ट है। खासकर हरिद्वार, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले के कई इलाकों में तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ कई दौर की बौछार वाली बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, 12 अगस्त को छह जिलों में भारी बारिश होने से नदियों और बरसाती नालों का जलस्तर बढ़ सकता है।