UTTARAKHAND MAHOTSAV IN LUCKNOW: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों उत्तराखंड महापरिषद द्वारा “उत्तराखंड महोत्सव 2025” का भव्य आयोजन किया जा रहा है। 9 से 18 नवंबर तक आयोजित उत्तराखंड महोत्सव में देवभूमि की संस्कृति, लोक परंपराओं और पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ़ उठाने के लिए प्रतिदिन भारी भीड़ उमड़ रही है। रविवार शाम प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ उत्तराखंड महोत्सव 2025 में शिरकत की। इस दौरान सीएम योगी ने अवधी (उत्तर प्रदेश) और उत्तराखंडी संस्कृति के अटूट रिश्ते को रेखांकित किया और भारत की आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के निर्माण में योगदान देने वाले प्रमुख नेताओं को याद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘उत्तराखंड दर्पण 2025’ स्मारिका और ‘उत्तराखंड महोत्सव कैलेंडर’ का विमोचन भी किया।
सीएम योगी ने कहा कि हम सब ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी उत्तराखंड के नागरिक देश की सुरक्षा या अन्य क्षेत्रों में योगदान देने के लिए कहीं भी काम करते हैं तो वे अपनी अटूट देशभक्ति के कारण स्थानीय संस्कृतियों से समरस हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड महोत्सव अवधी और उत्तराखंड की संस्कृति के बेहतर समन्वय का उदाहरण है। अवध के भगवान राम, और उत्तराखंड के भगवान बद्री विशाल और चारों धाम मिलकर इस महोत्सव की शोभा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड की धरती में भक्ति और शक्ति का समन्वय दिखाई देता है क्योंकि यहां से मां गंगा, मां यमुना, सरयू जी और शारदा जी जैसी जीवनदायिनी नदियां निकलकर उत्तर प्रदेश की भूमि को उपजाऊ बनाती हैं।
यूपी और उत्तराखंड के संबंधों को याद किया
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के निर्माण में योगदान देने वाले कई बड़े नेताओं का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से 9 नवंबर 2000 को वर्तमान उत्तराखंड का गठन हुआ था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत को याद किया जिन्होंने लंबे समय तक यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और आज के उत्तर प्रदेश की नींव रखी। सीएम योगी ने हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी को भी याद किया। इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का भी स्मरण किया। आपको बता दें कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को याद करते हुए ही उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित की गई थी।![]()
उत्तर प्रदेश के प्रथम सीएम पं गोविंद बल्लभ पंत को किया याद
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के लिए स्थापना काल से ही अगर योगदान देने में नाम लिया जाता है तो उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत का नाम लिया जाता है। उन्होंने लंबे समय तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में, एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में अपनी सेवाएं पहले देश की स्वाधीनता के लिए और फिर स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दी हैं।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के लिए जो कार्य योजना पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने सुनिश्चित की उसी की नींव पर भावी उत्तर प्रदेश का निर्माण करने में सफलता प्राप्त की गई। यह उत्तर प्रदेश और देश का गौरव है कि इस उत्तराखंड में स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा को और स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी को भी जन्म दिया, जिन्होंने लंबे समय तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों और देश में कार्य किया।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को भी किया स्मरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का स्मरण हर देशभक्त करता है। उत्तराखंड बनने के बाद उत्तराखंड की ग्रीष्म कालीन राजधानी को स्थापित करना वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का काम उत्तराखंड के वीरों, उस वीर भूमि ने उस देव भूमि ने वहां पर किया है। यह उत्तराखंड की ही देन है कि भारत की रक्षा सेना के इर्द-गिर्द भी कमांडर इन चीफ के रूप में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी उत्तराखंड की ही देन हैं और द्वितीय सीडीएस भी उत्तराखंड की ही देन हैं। यानी हमने भक्ति और शक्ति का संबंध उत्तराखंड ने इस प्रकार किया है, जैसे राजस्थान की धरती ने करके दिखाया है।
सीएम योगी ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को भी याद किया। सीएम ने कहा कि हमें अपनी मातृभूमि और देवभूमि पर गर्व होना चाहिए। वहां की लोक कला, परंपराओं, खानपान और लोक संस्कृति को संरक्षित करने के लिए एक प्लेटफॉर्म देना चाहिए।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने लखनऊ के यूनेस्को की लिस्ट में आने पर सीएम योगी की तारीफ की
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस आयोजन को दो संस्कृतियों का मिलन बताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को लखनऊ की धरती पर जीवित और संजोकर रखने का प्रयास है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि भारत सरकार के अनुरोध पर यूनेस्को ने लखनऊ को ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ (भोजन की उत्कृष्ट परंपराओं का निर्वहन करने वाला शहर) के रूप में चयनित किया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सीएम योगी नेतृत्व में किए गए काम के लिए उनकी तारीफ की।
इन्हें मिला उत्तराखंड गौरव सम्मान
उत्तराखंड महापरिषद ने इस वर्ष राष्ट्र, समाज एवं संस्कृति के उत्थान में योगदान देने वाली इन विभूतियों को ‘उत्तराखंड गौरव’ से सम्मानित करने का निर्णय किया है-
- डॉ. सुरेश चंद्र फुलारा: स्वदेशी उत्पादों और आजीविका के क्षेत्र में काम के लिए।
- डॉ. मंजू बाला: शिक्षा के क्षेत्र में (राष्ट्रपति पुरस्कार से अलंकृत)।
- डॉ. चंद्रमोहन नौटियाल: विज्ञान के क्षेत्र में।
- प्रो. दीवान सिंह रावत: रसायन विज्ञान तथा अनुसंधान के क्षेत्र में।
इस अवसर पर विधायक ओपी श्रीवास्तव, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी और उत्तराखंड महापरिषद के अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।


