मूर्धन्य साहित्यकार और दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री स्व कुलानन्द भारतीय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित पुस्तक ”मानवीय मूल्यों को समर्पित एक प्रेरक व्यक्तित्व : स्व कुलानन्द भारतीय” का लोकार्पण एक गरिमामय समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी द्वारा किया गया। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सदस्य जनार्दन द्विवेदी, पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली विधान सभा डॉ योगानंद शास्त्री, दिल्ली शिक्षक विश्व विद्यालय के उपकुलपति डॉ धनंजय जोशी एवं दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सचिव कुलानन्द जोशी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह में दिल्ली के अनेक जाने माने शिक्षाविद, साहित्यकार, पत्रकार और समाजसेवी भी उपस्थित थे।

डॉ मुरली मनोहर जोशी ने अपने उद्बोधन में कुलानन्द भारतीय को संस्कृति पुरुष बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय ने राजनीति में रहते हुए भी स्वयं को शिक्षा और साहित्य के साथ जोड़े रखा जो कि अपने आप में विलक्षण विशेषता है। डॉ जोशी ने कहा कि भारतीय जी का अनेक क्षेत्रों में योगदान है परन्तु उनका सबसे बड़ा योगदान दिल्ली में संस्कृत अकादमी की स्थापना करना है। प्राचीन भाषा संस्कृत के विकास और प्रचार प्रसार में भारतीय जी ने अथक प्रयास किये जिसके लिए समाज हमेशा उनका ऋणी रहेगा।

जनार्दन द्विवेदी ने स्व कुलानन्द भारतीय को राजनीति में शुचिता का प्रतीक एवं दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर समाज के हर वर्ग की सेवा करने वाला और स्वच्छ छवि वाला सम्मानित नेता बताया।

डॉ योगानंद शास्त्री ने कहा कि वास्तव में कुलानन्द भारतीय महामना थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जैसे तपस्वी और ईमानदार राजनेता नहीं देखा। अन्य वक्ताओं ने भी स्व कुलानन्द भारतीय के शिक्षा, साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान की चर्चा की।

कार्यक्रम का आयोजन स्व कुलानन्द भारतीय जन्म शताब्दी समिति, भारती शिक्षण संस्थान द्वारा किया गया था। समिति के संयोजक संजय भारतीय ने स्वागत भाषण दिया। महासचिव रमेश कांडपाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अवकाश प्राप्त उच्च अधिकारी पी.डी.हिंदवान, राजेश भारतीय, शिक्षाविद, सुभाष ढींगरा, शिक्षाविद, संजय भल्ला, प्रकाशक ममता भटनागर, शिक्षाविद, अनुपमा भारद्वाज, प्रधानाचार्य मधुकर द्विवेदी, ज्योतिषाचार्य डा. शकुंतला जैमन, प्रधानाचार्य अनुराधा मेहता, प्रधानाचार्य, आशुतोष भारद्वाज, शिक्षाविद पल्लवी शर्मा, प्रधानाचार्य सविता बत्रा, प्रधानाचार्य युवराज पुंज, शिक्षाविद केपी रायजादा, पूर्व वरिष्ठअधिकारी, शिक्षा निदेशालय, वाई पी पुरंग, पूर्व वरिष्ठअधिकारी शिक्षा निदेशालय प्रवीण केसर, शिक्षाविद अमर अग्रवाल, शिक्षाविद , वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार प्रदीप कुमार वेदवाल, वरिष्ठ समाजसेवी विनोद कबटियाल, लेखिका हेमा उनियाल, पत्रकार एवं एक्टिविस्ट चारु तिवारी, प्रोफेसर सूर्य प्रकाश सेमवाल, अतुल देवरानी, सुमन गुप्ता, सत्येंद्र रावत, चंद्र मोहन पपनै, साहित्यकार रमेश चंद्र घिल्डियाल, बृजमोहन उप्रेती, विनोद ढौंडियाल, सुशील पुरोहित सहित बड़ी संख्या में राजधानी के प्रतिष्ठित और गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया।