karwa chauth

Karwa Chauth 2023:  हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी आयु एवं सुख समृद्धि के लिए रखे जाने वाला करवाचौथ का व्रत कल यानी 1 नवंबर दिन बुधवार को रखा जाएगा है। यह व्रत एक कठिन व्रत माना जाता है। क्योंकि इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जला रहती हैं। शाम के समय सोलह ऋंगार कर मां पावर्ती के स्वरूप चौथ माता की पूजा करती हैं। व्रत की कथा सुनती हैं और फिर चांद के निकलने का इंतजार करती हैं। और चांद निकलने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं।

 करवा चौथ पर अद्भुत संयोग

कल करवा चौथ पर मृगशिरा नक्षत्र, बुधादित्य योग के साथ शिव-परिघ व सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। वहीं, चंद्रमा अपनी उच्चराशि वृषभ में विराजमान रहेगें। मान्यता है कि चंद्रमा की पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय और पति की आयु लंबी होती है। करवा चौथ 2023 के व्रत की अवधि 13 घंटे 42 मिनट रहने वाली है। 1 नवंबर बुधवार को सर्योदय के साथ सुबह 6 बजकर 33 मिनट से व्रत का आरंभ होगा, जो रात 8 बजकर 15 मिनट के आस-पास चंद्रोदय पूजन के बाद समाप्त होगा।

आपके शहर में कब निकलेगा चांद? यहाँ देखें

दिल्ली            रात 8:15 बजे

नोएडा            रात 8:14 बजे

गाजियाबाद      रात 8:14 बजे

गुरुग्राम           रात 8:15 बजे

लखनऊ        रात 8:05 बजे

कानपुर          रात 8:08 बजे

प्रयागराज        रात 8:05 बजे

बनारस           रात 08:00 बजे

आगरा           रात 8:16 बजे

मेरठ              रात 08:05 बजे

अलीगढ़           रात 8:13 बजे

देहरादून          रात 08:06 बजे

हरिद्वार           रात 08:07 बजे

हल्द्वानी           रात 08:04 बजे

श्रीनगर           रात 08:07 बजे

ऋषिकेश          रात 08:06 बजे

शिमला           रात 08:07 बजे

चंडीगढ़           रात 08:10 बजे

लुधियाना         रात 08:12 बजे

जम्मू              रात 08:11 बजे

जयपुर            रात 8:26 बजे

इंदौर             रात 08:37 बजे

भोपाल            रात 08:29 बजे

पटना              रात 07:51 बजे

अहमदाबाद      रात 08:50 बजे

चेन्नई              रात 08:43 बजे

बेंगलुरु            रात 08:54 बजे

मुंबई              रात 8:59 बजे

कोलकाता        रात 7:46 बजे

गुवाहाटी          रात 08: 22 बजे

करवा चौथ व्रत पौराणिक मान्यता

ऐसी मान्यता है की करवा चौथ का व्रत पार्वती माता ने भगवान शिव के लिए और द्रौपदी ने पांडवों के लिए कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखा था। करवा चौथ व्रत को विधिपूर्वक सम्पन्न करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त होता है। करवा माता उनके सुहाग की सदैव रक्षा कर अपना आशीर्वाद देती हैं।