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ग्रेटर नोएडा: शनिवार को ग्रेटर नोएडा के जीएनआईओटी (एमबीए इंस्टीट्यूट) मे “न्यू चैलेन्जिस ऑफ़ बिज़नेस इन इंडियन इकॉनमी: पोस्ट डीमोनीटाईज़ेशन” विषय पर एक अन्तराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

सेमिनार का आयोजन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ के मार्गदर्शन एवं वित्तपोषण मे किया गया जिसमे देश विदेश के अनेक शिक्षकों, विशेषज्ञो ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। सेमिनार का शुभारम्भ जीएनआईओटी समूह के चेयरमैन बीएल गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया।

इस अवसर पर चेयरमैन बीएल गुप्ता ने संगोष्ठी की सफलता के लिये आयोजकों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि आज भारत विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति बन चुका हैं। आने वाला समय भारत का है। भारतीय अर्थव्यवस्था देश के युवाओं को रोज़गार के अनेक अवसर प्रदान कर रही है।

संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर डॉ. सविता मोहन ने आज प्रतियोगितापूर्ण वातावरण में तकनीकी शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था पर विमुद्रीकरण के प्रभावों पर चर्चा कीI इस अवसर पर समूह के वायस चेयरमैन राजेश गुप्ता, प्रबंध समिति के सदस्य गौरव गुप्ता, बजरंगलाल गुप्ता एवं दीपक गुप्ता भी उपस्थित रहे।

समारोह के मुख्य अतिथि मुनीश कुमार, कमिश्नर , इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दिल्ली ने अपने सम्बोधन में आये हुए प्रतिभागियों को अर्थव्यवस्था में मुद्रा के महत्व को समझायाI साथ ही उन्होंने वेनेज़ुएला की वर्तमान स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने के लिए ऐसे प्रयोग आवश्यक हैं।

मुख्य वक्ता सुरेश कुमार शर्मा- निदेशक (विश्व बैंक परियोजना पीडीपीपी) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर विमुद्रीकरण के स्पष्ट प्रभावों का विस्तृत उल्लेख किया तथा विश्व अर्थव्यवस्था मे भारत के योगदान के विषय मे रोचक चर्चा की। इस अवसर पर एमबीए विभागाध्यक्ष प्रोफ़सर पंकज कुमार व एमबीए (इंटीग्रेटेड) विभागाध्यक्ष प्रोफ़सर आलोक मोहन ने भी सेमिनार के मूल विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।

सेमिनार के दूसरे सेशन में प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये जिसकी अध्यक्षता डॉ नरेश गिल, मैनेजिंग डायरेक्टर, केआरडीडब्लू ने किया। प्रस्तुत किये गए शोधपत्रों में से तीन सर्वश्रेस्ठ शोधपत्रों को पुरस्कृत भी किया।, अंत में प्रोफ़सर पंकज कुमार ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी का समापन पुरस्कार व प्रमाणपत्र वितरण के उपरांत राष्ट्रगान के साथ हुआ।