केंद्रीय विद्यालयों में

KVS Revised Admission Guidelines: केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा खत्म, एडमिशन के लिए जानिए नई गाइडलाइनअब केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन लेना आसान नहीं होगा। इसके लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। ‌ अभी तक सांसद कोटे से सिफारिश लगाकर अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन दिला देते थे। नई गाइडलाइन के मुताबिक सांसद कोटा खत्म कर दिया गया है। अब केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों की सिफारिश पर दाखिला नहीं किया जाएगा। एक हफ्ते पहले केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने एमपी कोटे के तहत अगले आदेश तक एडमिशन पर रोक लगाई थी। इन गाइडलाइंस केंद्रीय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट kvsangathan.nic.in पर जारी किया गया है।

केंद्रीय विद्यालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के तहत अब भारतीय थलसेना, वायुसेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड के प्रत्येक शिक्षा निदेशक, डिफेंस सेक्टर में बने केंद्रीय विद्यालय में हर साल 6-6 बच्चों के नाम की सिफारिश कर सकेंगे। साथ ही, विदेश मंत्रालय में काम करने वाले लोगों का केंद्रीय विद्यालय में सालाना एडमिशन कोटा 60 रखा गया है। यह कोटा उन बच्चों पर लागू होगा, जिनके दोनों अभिभावको में से कोई एक अभिभावक भारतीय विदेश मंत्रालय में नौकरी करता हो और उसकी पोस्टिंग विदेश में रही हो। साथ ही वो इसी साल या 1 साल पहले देश वापस लौटा हो।

वहीं केंद्रीय विद्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को साल के किसी भी समय स्कूल में बिना एंट्रेंस के एडमिशन मिल सकेगा। अगर बच्चे को 9वीं में एडमिशन चाहिए तो उसे एंट्रेंस टेस्ट देना पड़ेगा। एंट्रेंस टेस्ट को पास करने के बाद ही बच्चे को एडमिशन मिलेगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुताबिक जिन केंद्रीय कर्मचारियों की नौकरी के दौरान ही मौत हो गई थी, उनके बच्चों का भी विद्यालय में सीधा एडमिशन हो पाएगा। नई गाइडलाइंस के तहत, उन बच्चों को भी केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिलेगा, जिनके माता-पिता दोनों की कोविड में जान चली गई। ऐसे अनाथ बच्चों का एडमिशन जिलाधिकारी की सिफारिश पर हो सकेगा।

क्या था सांसद कोटा

अभी तक सांसदों के कोटे के माध्यम से, प्रत्येक सांसद द्वारा प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में कक्षा एक से नौवीं तक में प्रवेश के लिए 10 छात्रों की सिफारिश की जा सकती थी। नियमों के तहत, 10 नाम उन बच्चों तक ही सीमित होने चाहिए, जिनके माता-पिता सिफारिश करने वाले सांसद के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित हैं।   

बरकरार रहेंगे ये दाखिला कोटा

हालांकि, दाखिला कोटा में जिन विशेष प्रावधानों को बरकरार रखा गया है उनमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र प्राप्त करने वालों के बच्चों का प्रवेश शामिल है; राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के प्राप्तकर्ता; रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चे; कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चे; केंद्र सरकार के दिवंगत कर्मचारियों के बच्चे, ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाने वाले बच्चे आदि संबंधित कोटे से दाखिला ले सकेंगे।

इन बच्चों को मिलेगी प्राथमिकता

  • केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे, जिनकी मौत हो गई है, उन्हें भी केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना पदक (सेना), नौसेना पदक (नौसेना), वायु सेना पदक (वायु सेना) के प्राप्तकर्ताओं के बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और वीरता के लिए पुलिस पदक प्राप्त करने वालों के बच्चे को भी सेंट्रल स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।
  • सशस्त्र बलों के शिक्षा निदेशालय यानी सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर रक्षा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एक शैक्षणिक वर्ष में अपने रक्षा कर्मियों के बच्चों के प्रवेश के लिए अधिकतम 06 नामों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • सरकार द्वारा आयोजित एसजीएफआई, सीबीएसई, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय खेलों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी खिलाड़ियों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • ऐसे बच्चे जो, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार या राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा स्थापित बालश्री पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भी केवीएस में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए केवीएस की वेबसाइट: http://kvsangathan.nic.in पर उपलब्ध नोटिस देख सकते हैं।

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