देहरादून: पर्यावरण दिवस के अवसर पर बालावाला मां दक्षिण काली कस्तूरी सदन देहरादून के सभागार में पर्यावरण के सन्दर्भ में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यावरण के विषय पर विशद रुप से चर्चा परिचर्चा की गई। इस संगोष्ठी में पैरा मेडिकल दून काॅलेज के उप प्राचार्य डां महेन्द्र भन्डारी बतौर मुख्य अतिथि रहे। मां दक्षिण काली कस्तूरी सदन के संस्थापक अखिलेश चन्द्र चमोला ने मुख्य अतिथि डा महेन्द्र सिंह भन्डारी को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि ने कार्य क्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके की। अपने उदबोधन में ङां भन्डारी ने कहा -पर्यावरण के बिना हमारा जीवन अधूरा है। हमारा जीवन पूर्ण रूप से पर्यावरण पर निर्भर है। आज हम अपने आसपास के पौधों की उपेक्षा कर रहे हैं’ उसके परिणाम भविष्य के लिए शुभ कारी नही है। हम अपने स्वार्थ में इतने अन्धें हो गये हैं कि प्रकृति से अनावश्यक छेडछाड कर के भरपूर लाभ उठा रहे हैं ।बदले में प्रकृति संरक्षण का कार्य नही कर रहे हैं। हमारा आसपास का वातावरण भी हमसे कुछ न कुछ मदद की अपेक्षा रखता है। इसके लिए वृक्षारोपण करना और रोपित बृक्षों का संरक्षण करना बहुत ही जरुरी है। इससे वायु शुद्ध और ताजी बनती है। जितने अधिक पेड रोपित होंगे, उतना अधिक आक्सीजन का उत्पादन होगा’ और बिषैली गैस अवशोषित हो जायेगी।।बृक्षों से अपने परिवार के सदस्यों की तरह स्नेह करें। उनकी देखभाल का दायित्व निभायें। निश्चित रुप से प्रकृति का आंगन हरा भरा हो जायेगा।
डां भन्डारी ने कहा कि शिक्षक अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र मे जो जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है वह अपने आप में उत्कृष्ट मुहिम को दर्शाता है। कार्यक्रम के संयोजक तथा मां दक्षिण काली कस्तूरी सदन के संस्थापक शिक्षक अखिलेश चन्द्र चमोला ने कहा कि वृक्षों का नाता हमारे जीवन में जन्म से मृत्यु तक है। प्राचीन ऋषि मुनियों ने बृक्षों के नीछे बैठकर ज्ञान प्राप्त किया। आज उपभोक्तावादी संस्कुति में ज्योतिषीय राशि के अनुसार रत्नों की खरीद दारी करना आम जन मानस के वश की बात नही है’ उस स्थिति में रत्नों की जगह पर हम तरह-तरह की जडी बूटियों का प्रयोग करके क्रूर ग्रहों को शांत बडी सरलता के साथ शांत कर सकते हैं।
इस मौके पर मुख्य अतिथि डाॅ महेन्द्र सिंह भन्डारी तथा संगोष्ठी में आये हुए विशिष्ठ जनों द्वारा रुद्राक्ष ‘शहतूत ‘ नीम’ अनार’ आडू’ पीपल’ आम ‘चन्दन ‘तुलसी’ लीची ‘ आदि पौध रोपित किये गये। कार्यक्रम का संचालन संदीप राणा कार्यालय परा पर्यवेक्षक चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड ने किया।