ग्रेटर नोएडा: नॉलेज पार्क स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में “सांस्कृतिक विरासत कार्यक्रम” के तहत एशिया, यूरोप, अमेरिका इत्यादि से आये 34 स्टूडेंट्स का भव्य स्वागत किया गया। स्वागत समारोह की अध्यक्षता करते हुए शारदा यूनिवर्सिटी के अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध विभाग के निदेशक अशोक दरयानी ने कहा की भारत की संस्कृति और सभ्यता संसार की प्राचीनतम संस्कृतियों में से है। यहाँ हम भारत की संस्कृति और सभ्यता के विभिन्न पहलुओं जैसे धर्म, समाज, परम्परा एवं रीति, पहनावा, साहित्य, संगीत, नृत्य, नाटक और रंगमंच, चित्रकारी, मूर्तिकला, वास्तुकला,दर्शन शास्त्र और मनोरंजन आदि महत्वपूर्ण घटकों से कार्यक्रम में पधारे विद्यार्थियों को रूबरू कराएँगे।
प्रो. चांसलर वाई. के. गुप्ता ने कहा कि यह शारदा यूनिवर्सिटी के लिए गर्व का विषय है की इतने सारे देशों के छात्र-छात्राओं ने कई संस्थानों में शारदा विश्वविधालय को चुना है। पूरा शारदा परिवार उनके स्वागत के लिए हमेशा उपलब्ध है। इस अल्प समय में हम लोगों का पूरा प्रयास रहेगा की उन्हें भारतीय संस्कृति तथा विरासत के धरोहरों से परिचित कराया जाये।
शारदा यूनिवर्सिटी के चांसलर पी. के. गुप्ता ने कहा की कक्षा में सीखने की एक सीमा है पर विद्यार्थी एक दूसरे से बहुत कुछ सीख़ सकते है। भारत में रीति-रिवाज़ और मान्यताओं को बिना प्रभावित किये सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्ण तरीके से एकसाथ रहते हैं। हमारे राष्ट्र की ये महान संस्कृति है कि हम बहुत खुशी के साथ अपने घर आये मेहमानों की सेवा करते है क्योंकि मेहमान भगवान का रुप होता है इसी वजह से भारत में “अतिथि देवो भव:” का कथन बेहद प्रसिद्ध है।