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श्रीनगर गढ़वाल: मंगलवार को एनआईटी श्रीनगर के 900 छात्रों के एक साथ कॉलेज छोड़कर चले जाने से स्थानीय लोग खफा नजर आ रहे हैं। लंबे समय से एनआईटी के स्थायी कैंपस के निर्माण के लिए आंदोलन कर रहे एनआईटी संयुक्त संघर्ष समिति सहित नगर के सामाजिक कार्यकर्ता एनआईटी के छात्रों के कॉलेज छोड़कर जाने से खफा नजर आ रहे है। एनआईटी के छात्रों का सामूहिक रूप से अवकाश पर चले जाने से लोगों में छात्रों के साथ-साथ सरकार व एनआईटी प्रशासन के प्रति भी गुस्सा पनप रहा है। लंबे समय से एनआईटी के स्थायी परिसर निर्माण के लिए आंदोलन करने वाले प्रगतिशील जनमंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी ने छात्रों कैम्पस शिफ्ट करने की मांग का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि छात्र सुविधाओं की बात करे जो जायज है लेकिन कैंपस शिफ्ट करना पहाड़ विरोधी मांग है। जिसका खुलकर विरोध किया जायेगा। शहर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष भूपेन्द्र पुंडीर ने कहा कि छात्रों के आंदोलन के लिए प्रदेश सरकार के साथ साथ एनआईटी प्रशासन जिम्मेदार है। सूबे की सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में एनआईटी कैंपस को नहीं लिया वहीं एनआईटी प्रशासन अपने छात्रों को अनुशासन में नहीं रख पाया जो कि गलत है। भाकपा माले नेता इंद्रैश मैखूरी ने कहा कि एनआईटी के छात्रों के आंदोलन के पीछे एक छुपा हुआ ऐजेंडा काम कर रहा है। जिसके तहत छात्र कैंपस शिफ्ट करने मांग उठा रहे हैं। छात्र सुविधाओं की मांग करे ये तो ठीक है लेकिन छात्र कैंपस शिफ्ट की मांग कर रहे है जो सरासर गलत है।

इधर एनआईटी प्रशासन कैंपस छोड़कर गए छात्रों को मनाने में जुट गया है। प्रशासन ने इस संबंध में मेल व फोन के माध्यम से छात्रों तथा उनके परिजनों से बात की है। एनआईटी प्रशासन का कहना है कि आग्रह के बाद भी यदि छात्र नहीं लौटे तो नोटिस भेजा जाएगा।

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