biggest theft of 40 kg gold and 6.5 crore cash in noida

ग्रेटर नोएडा : गौतमबुद्ध नगर जनपद के ग्रेटर नोएडा शहर में करीब 10 महीने पहले हुई अब तक की सबसे बड़ी चोरी में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार जिस फ्लैट में चोरी हुई थी वहां पर 35 करोड़ से ज्यादा की नकदी व भारी मात्रा में सोना रखा था। जिसमे से चोरों ने करीब 40 किलो सोना और 6.5 करोड़ रुपए की नगदी चोरी कर लिया। हालाँकि जिस घर से इतनी बड़ी चोरी हुई थी उसके मालिक द्वारा पुलिस में चोरी की कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। जिससे आशंका जताई जा रही है कि यह मामला काला धन व सोने की तस्करी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा हो सकता है। इस मामले में नोएडा थाना सेक्टर 39 पुलिस ने शुक्रवार को 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिनके पास से पुलिस ने करीब 13 किलो सोना तथा एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के कागजात व 57 लाख रुपए की नगदी बरामद की है। पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने यह सोना और नकदी ग्रेटर नोएडा की सिल्वर टू सोसायटी के एक फ्लैट से करीब 10 महीने पहले चोरी किया गया था।

करोड़ों रुपए का कालाधन चोरी करने वाले छह अभियुक्तों से मिली जानकारी के बाद गौतमबुद्ध नगर पुलिस की टीम आज ग्रेटर नोएडा के के सेक्टर पाई स्थित सिल्वर सिटी-टू सोसायटी के उस फ्लैट में पहुंची जहाँ इतनी बड़ी मात्रा में काला धन जमा कर रखा गया था।

पुलिस को छानबीन में पता चला है कि जिस फ्लैट में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था, वो किसलय पांडेय व उनके पिता राम मणि पांडेय के नाम पर है। इन दोनों के खिलाफ दिल्ली और गुरुग्राम में भी एफआईआर दर्ज है। पता चला है कि वे दोनों बाप-बेटे भारत से बाहर विदेश में कहीं रह रहे हैं। पुलिस ने शनिवार को पिता-पुत्र के ठिकानों पर सघन छापेमारी की। बताया जा रहा है कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज पुलिस के हाथ लगे हैं। किसलय का परिवार करोड़ों रुपए के विला, लग्जरी गाड़ियों समेत बेशुमार संपत्ति का मालिक है। उसकी विदेश में भी संपत्ति होने का अनुमान है।

पुलिस ने शनिवार को किसलय पांडेय के ठिकानों पर टीम के साथ छापेमारी की। पुलिस टीम किसलय पांडेय के आम्रपाली ग्रांड सोसायटी स्थित विला में शाम तक जांच पड़ताल करती रही। यहां किसलय की पत्नी के अलावा परिवार का कोई सदस्य नहीं मिला। पुलिस टीम ने घर में मिले एक-एक दस्तावेज की बारीकी से जांच पड़ताल की। पुलिस टीम सिल्वर टू सोसायटी में स्थित फ्लैट पर भी पहुंची थी, लेकिन वहां पर कोई नहीं मिला। भारी मात्रा में कालाधन बरामद होने के बाद पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि पिता-पुत्र ने काली कमाई के जरिए कितनी संपत्ति जुटा रखी है। संभावना जताई जा रही है इनकी दिल्ली एनसीआर में और भी बेनामी संपत्ति हो सकती है। इनके आम्रपाली ग्रांड सोसायटी में ही तीन विला हैं। एक विला की कीमत दो करोड़ रुपए से अधिक आंकी जा रही है। सोसायटी में इनकी सात गाड़ियां खड़ी थीं। इसमें दो मर्सडीज, एक बीएमडब्लू, हौंडा सिटी, आई-20 आदि शामिल हैं।                               इसके अलावा सब्जी व घर का अन्य सामान लाने के लिए इको वैन रखी है। किसलय पाण्डेय व उनके पिता एआरएम पांडेय बेशुमार संपत्ति के मालिक हैं। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सब्जी व घर का अन्य सामान लाने के लिए इको वैन कार रखी हुई है। इसका इस्तेमाल सिर्फ इसी काम में किया जाता है।

घर की सुरक्षा के लिए अलग से रखे हुए हैं दो गार्ड

करोड़ों रुपए का कालाधन जमा कर रखने वाले पिता पुत्र ने अपने विला की रखवाली के लिए दो निजी गार्ड की तैनाती कर रखी है। विला के आसपास किसी अनजान व्यक्ति को आने की अनुमति नहीं होती थी। सीसीटीवी कैमरे से हर गतिविधि पर नजर रखी जाती थी।

किसी से नहीं रखते थे कोई खास सरोकार

किसलय पांडेय व उनका परिवार सोसायटी में रहने वाले लोगों से कोई खास सरोकार नहीं रखता था। पिता पुत्र क्या काम करते हैं, यह भी किसी को नहीं पता है। उनके रहन सहन को देखकर लोग यही जानते हैं कि बहुत बड़े आदमी है। यह भी पता चला है कि किसलय पांडेय दो वर्षों से घर पर दिखाई नहीं दिया है। आम्रपाली ग्रांड सोसाइटी में रहने वाले कुछ लोगों से बातचीत में पता चला कि किसलय का परिवार यहां वर्ष 2014 से रह रहा है। ‌इंडिया बुल्स स्कैम के एक मामले में नाम सामने आने के बाद से वह पिछले दो वर्षों से सोसायटी में नहीं दिखाई ‌दे रहा है। इंडिया बुल्स स्कैम में किसलय के पिता आरएम पांडेय को जेल जाना पड़ा था। लगभग एक वर्ष पहले ही वह जेल से रिहा हुए हैं। सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष संजय भारद्वाज ने बताया कि सोसायटी में आठ विला हैं। जिनमे से तीन में एक ही परिवार रह रहा है। अनुमान है कि एक विला की कीमत करीब दो करोड़ रुपये की होगी। उनका कहना है कि किसलय पांडेय का परिवार सोसायटी में सबसे अमीर परिवारों में से एक था। परिवार में सात सदस्य हैं। इनमें एआरएम उनकी पत्नी, किसलय पांडेय और उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे और एआरएम पांडेय की एक छोटी बेटी भी रहती है। वर्तमान में किसलय की पत्नी को छोड़कर घर पर कोई नहीं मिला। उन्होंने बताया कि तीन दिन पूर्व पुलिस ने यहां जांच शुरू की तो पता चला कि कोई मामला है।

क्या था पूरा मामला

पुलिस ने घटनाक्रम का खुलासा करते हुए बताया कि करीब 10 महीने पहले ग्रेटर नोएडा की सिल्वर सोसाइटी के जिस फ्लैट में चोरी हुई थी वहां पर करीब 35 करोड़ से ज्यादा की नकदी और भारी मात्रा में सोना रखा था। इसके लिए कालेधन के कारोबारी ने गोपाल नामक एक व्यक्ति को अपने काले धन की सुरक्षा के लिए फ्लैट पर तैनात किया था। गोपाल के मन में लालच आ गया और उसने इस बात की सूचना अपने कुछ साथियों को दी। जिसके बाद बिन्टू शर्मा, नीरज, जयसिंह, राजन, अरुण, अनिल और गाजियाबाद के रहने वाले कुछ बदमाशों ने मिलकर इस चोरी को अंजाम देने की योजना बनाई।

चोरों ने करीब 6.5 करोड़ रुपए की नगदी और 40 किलो के आसपास सोना चोरी कर लिया। उसके बाद अगली बार चोरी करने की नीयत से वहां रखी बाकी नगदी और सोना फ्लैट में छोड़ दिया था। इस बीच रखवाली करने वाला नौकर गोपाल ने चोरी का फायदा उठाया और फ्लैट में रखा करोड़ो का काला धन और सोना लेकर फरार हो गया। इस मामले में फ्लैट के मालिक राम मणि पांडे और उसके बेटे किसलय पांडे ने अभी तक पुलिस से कोई शिकायत नहीं की है। बताया जाता है कि काला धन छुपाने के लिए प्रभावशाली व्यक्ति इस मामले की शिकायत करना नहीं चाह रहे हैं। चोर गैंग की गिरफ्तारी की सूचना पाकर राम मणि अपने बेटे सहित विदेश चला गया है।

कैसे सामने आया मामला

10 माह पूर्व हुई इस चोरी में नोएडा और गाजियाबाद के रहने वाले चोर शामिल थे। चोरों ने धन और सोने का बंटवारा कर लिया था। परन्तु कुछ पैसा और सोना इन लोगों ने कोर्ट-कचहरी के लिए रख लिया था। जब काफी दिनों तक इस मामले में कोई हलचल नहीं हुई तो रखे गए धन और सोना के बंटवारे को लेकर नोएडा और गाजियाबाद में रहने वाले चोरों के बीच आपस में विवाद हो गया। चोरों के बीच हुए विवाद के चलते सूचना पुलिस तक पहुंची। थाना सेक्टर-39 पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 6 चोरों को हिरासत मे ले लिया है। गिरफ्तार चोरों की पहचान अरुण, राजन, जय सिंह, नीरज, अनिल और बिन्टु शर्मा के रूप में हुई है। इनके चार साथी सिन्तल, पंकज, गोपाल और सन्नी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। पकड़े गए बदमाशों के पास से 13 किलो सोना, एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के कागजात और 57 लाखों रुपए नगद मिला है।

गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की इस बड़ी सफलता पर उत्तर सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने चोरी का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 2 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है। इससे पहले ही नोएडा पुलिस कमिश्नर अलोक सिंह ने खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है।