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ग्रेटर नोएडा: गुरूग्राम में एक सोसायटी में हुई घटना को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी हाईराइज बिल्डिंगों में स्ट्रक्चरल सेफ्टी के लिए उठाये जा रहे कदमों का फिर से विस्तृत अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसके लिए एक कमेटी बनायी है।

यह कमेटी आईआईटी के विशेषज्ञों की मदद से जांच करेगी कि हाईराइज बिल्डिंगों के स्ट्रक्चरल सेफ्टी को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। ताकि ग्रेटर नोएडा में बनने वाली बहुमंजिला इमारतों की मजबूती में कोई कमी न रहे। सीईओ ने प्राधिकरण में तय उन मानकों का रिव्यू किया, जिनके पूरा होने पर ही बहुमंजिला इमारतों के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट या कंपलीशन सर्टिफिकेट दिया जाता है।

सीईओ ने स्ट्रक्चरल सेफ्टी का विस्तृत अध्ययन कराने के लिए एसीईओ अमनदीप डुली की अध्यक्षता में समिति बना दी है। कमेटी में जीएम प्रोजेक्ट, जीएम नियोजन, ओएसडी बिल्डर, जीएम वित्त व जीएम विधि को सदस्य बनाया गया है।

यह कमेटी आईआईटी दिल्ली या फिर उसके जैसी किसी संस्था के विशेषज्ञों की मदद से स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट के मौजूदा प्रावधानों का अध्ययन करेगी। इन ऊंची इमारतों की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए समिति अगले 15 दिन में एक स्टैंर्डड प्रारूप भी तैयार करेगी। उस प्रारूप को प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद उसे लागू कर दिया जाएगा। उसी आधार पर हाईराइज बिल्डिंगों को कंपलीशन या फिर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।