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ग्रेटर नोएडा: मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में आवासीय एवं बिल्ट अप हाउसिंग योजना, मेट्रो फेज-2 परियोजना तथा पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए औद्योगिक आवंटन नीति सहित कई अहम् फैसलों पर मुहर लगी. बोर्ड बैठक में आवासीय एवं बिल्ट अप हाउसिंग योजनाओं के लिए एक मुश्त समाधान योजना (one Time settlement scheme, ओटीएस) लागू की गई है। यह सुविधा सिर्फ वित्तीय वर्ष 2013-14 से पूर्व की योजनाओं पर ही मिलेगी।

ओटीएस योजना उन प्रकरणों पर लागू होगी वर्तमान में डिफाल्टर हैं।

प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि ओटीएस योजना वित्तीय वर्ष 2012-13 से पूर्व की आवंटन पद्धति से आवंटित आवासीय भूखण्ड/भवन योजनाओं में केवल उन प्रकरणों पर लागू होगी जो वर्तमान में डिफाल्टर हैं। भविष्य की देयता पर यह योजना लागू नहीं होगी। प्राधिकरण सभी डिफाल्टरों को ओटीएस योजना के सभी विकल्पों की जानकारी 31 दिसम्बर 18 तक दे देगा। इस योजना में 31 मार्च 19 तक आवेदन करने के लिए दो हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस तथा उसके बाद यानी 31 मई 19 तक आवेदन करने पर पांच हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होगी। ओटीएस योजना के लिए आवंटी को वर्तमान तक आवंटन के सापेक्ष समस्त प्रकार की अतिदेयता के कुल योग का पांच प्रतिशत धनराशि को आवेदन के साथ जमा करना होगा। ओटीएस योजना के अतंर्गत जिन आवंटियों द्वारा भूखण्ड/भवन की लीज डीड निष्पादित  नहीं करायी गयी है, उन आवंटियों को लीज डीड निष्पादित कराने हेतु छूट प्रदान करते हुए निर्धारित प्रक्रिया के साथ आवेदन करने पर देय लीज डीड विलम्ब शुल्क का 31 मार्च 19 तक 40 प्रतिशत, एक अप्रैल 19 से 30 अप्रैल 19 तक 50 प्रतिशत तथा एक मई 19 से 31 मई 19 तक 60 प्रतिशत ही प्राधिकरण में जमा करना होगा।

रिशिडयूलमेंट पॉलिसी 31 जनवरी 19 तक बढ़ी

 ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में आवंटित विभिन्न परिसम्पत्तियों पर अतिदेय धनराशि को रिशिडयूलमेंट पॉलिसी की अवधि 31 जनवरी 2019 तक बढ़ाये जाने की अनुमोदन किया गया है। यह सुविधा उन्हीं आवंटियों को मिलेगी जिन्होंने लीज डीड निष्पादित करा ली है। रिशिडयूलमेंट पॉलिसी की सुविधा मिलने से बिल्डर पार्ट पेमेंट कर अपनी अपूर्ण परियोजनाओं को पूर्ण सकते हैं।

जेवर एयरपोर्ट निर्माण के अंशदान को मिली मंजूरी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड ने जेवर के निकट बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना के लिए कुल अंश पूंजी चार हजार करोड़ रुपये का 12.50 प्रतिशत यानी 500 करोड़ रुपये देने मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने की अनुमति

सीआईएसएफ, सीआरपीएफ एवं आईबीपी को आवंटित 400 एकड़ के भूखण्ड में से 5 एकड़ में केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गयी है। इसके अलावा बोर्ड ने प्राधिकरण में ईआरपी साफ्टवेयर सिस्टम लागू करने तथा सातवें वेतन आयोग को लागू करने की अनुमति भी प्रदान कर दी है।

पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए औद्योगिक आवंटन नीति को बनाया पारदर्शी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में उद्यमियों तथा निवेशकों को आकषिर्त करने के लिए कई तरह की छूट दी गयी हैं। साथ ही औद्योगिक भूखण्डों की आवंटन नीति में भी सरलीकरण व पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है। वर्षो से खाली पड़े अक्रियाशील औद्योगिक तथा संस्थागत भूखण्डों के आवंटियों को एक और मौका दिया गया है। यदि वे निर्धारित समय सीमा में औद्योगिक इकाईओं को क्रियाशील नहीं करते हैं तो उनका आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। इसी तरह खाली पड़े संस्थागत भूखण्डों को भी 31 दिसम्बर 18 तक मानचित्र स्वीकृत कराकर निर्माण कार्य शुरू करना होगा। यदि वे निर्माण कार्य शुरू नहीं करते हैं तो उनका भी आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

836 औद्योगिक इकाईयों को क्रियाशील होने के लिए दिया एक साल का समय

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अभी तक कुल 2496 औद्योगिक आवंटन किये गये हैं जिसमें से मात्र 1660 औद्योगिक ईकाईयां ही क्रियाशील हैं। शेष 836 औद्योगिक ईकाईयों को क्रियाशील नहीं किया गया है। ऐसे अक्रियाशील औद्योगिक भूखण्डों को हस्तांतरित करने के लिए शतरे के साथ एक साल का समय दिया गया है। प्रथम अक्रियाशील भूखण्डों/इकाईयों को समस्त देय जमा कराने के उपरांत वर्तमान प्रचलित आवंटन दर का 30 प्रतिशत प्रति वर्गमीटर की दरे से ट्रांसफर चार्ज लेकर हंस्तातरण की अनुमति दी जाएगी। साथ ही उक्त भूखण्ड के हस्तातंरण की सुविधा मात्र एक बार ही अनुमन्य होगी।

औद्योगिक भूखण्ड आवंटन के लिए 10 विकल्प

औद्योगिक भूखण्ड आवंटन के लिए आवेदक अब अपनी इच्छानुसार भूखण्ड एवं सेक्टर चयन के लिए 10 विकल्प दे सकता है। पहले तीन विकल्प देने की सुविधा थी। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के औद्योगिक सेक्टर ईकोटेक-11 के उद्यमियों को भूखण्ड की लीज डीड निष्पादन कराये जाने की तिथि अब 31 मार्च 2019 कर दी गयी है। पहले यह तिथि 30 सितम्बर 2018 थी। साथ ही जो आवंटी 31 मार्च 19 तक लीज डीड करा लेते हैं तो न आवंटियों को निर्माण तथा क्रियाशील करने के लिए दो वर्ष का समय निशुल्क प्रदान किया जाएगा। उसके बाद उसे विलम्ब शुल्क देना होगा।

672 संस्थागत भूखण्ड पड़े हैं खाली

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने विभिन्न सेक्टरों में संस्थागत भूखण्ड आवंटित किये थे। जिसमें से 672 भूखण्डों में कई सालों बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है और न ही उन्हें किसी अन्य को ट्रांसफर किया गया है। ऐसे सभी 672 संस्थागत भूखण्डों के आवंटियों को बोर्ड ने 31 दिसम्बर 2018 तक प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराकर निर्माण कार्य शुरू करने को कहा है। अन्यथा की स्थिति में प्राधिकरण उनका आवंटन निरस्त कर देगा। आईटी प्लॉट के आवंटी भी 31 मार्च 2019 तक प्राधिकरण से नक्शा पास कराकर 31 मार्च 2020 तक क्रियाशील प्रमाण पत्र हासिल कर लें।