पीएफआई के एनआईए के एक्शन के विरोध में आज देश के कई हिस्सों में हंगामा करने के आसार हैं। इसको देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां के साथ-साथ पुलिस भी काफी चौकस हो गई है और कई शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर एनआईए के एक्शन के बाद पीएफआई के प्लान बी का खुलासा हुआ है। इस खुलासे में इस्लामी संगठन के नापाक मंसूबे का पता चलता है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में पीएफआई ने एजेंसियों के एक्शन से बचने के लिए नए नाम से कई विंग तैयार कर लिए हैं। इनमें- सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय महिला मोर्चा, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय इमाम परिषद, अखिल भारतीय कानूनी परिषद, रिहैब इंडिया फाउंडेशन और नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं। इन संगठनों को सरकारी एजेंसियों के प्रतिबंध से बचने और एजेंडा फैलाने के लिए तैयार किया गया है।
पीएफआई ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पहले ही इन संगठनों को तैयार कर लिया था, जिसके जरिए देश में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाना इसका मकसद है। हालांकि इसकी भनक जैसे ही एजेंसियों को लगी तो उन्होंने इसका पर्दाफाश कर दिया। एनआईए की तैयारियों से साफ है कि साजिश करने वाले इस संगठन का कोई सिरा वो छोडना नहीं चाहते। पीएफआई पर जब भी एक्शन होता है वो अपना कोई और चेहरा सामने ले आता है।
सूत्रों के मुताबिक, PFI के तमाम लीडर्स को इस कार्रवाई की भनक पहले से थी। लिहाजा तैयारी भी उसी हिसाब से की गई थी। पीएफआई के लीडर्स ने भारतीय जांच एजेंसियों को गच्चा देने के लिए पहले से कई अन्य शाखाएं शुरू कर दी थी। इसके पुख्ता सबूत TV9 भारतवर्ष के पास मौजूद हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, इन तमाम अलग-अलग विंग के जरिए पीएफआई जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक कर अपने देश-विरोधी मंसूबों को अंजाम देने में जुटी हुई है। इन तमाम शाखाओं का मकसद है, जांच एजेंसियों की नजरों से बचकर हिंदुस्तान के तमाम शहरों में आतंक के अपने एजेंडे को बढ़ाना।
नौजवानों का करता है ब्रेनवॉश
रिपोर्ट के मुताबिक, PFI सोशल वर्क के नाम पर धन जुटाता है और उसका इस्तेमाल समाज विरोधी और देश विरोधी प्रचार के लिए करता है। साथ ही अपने कट्टरपंथी विचारों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, मदरसों और मुस्लिम बहुल मोहल्लों में नौजवानों का ब्रेनवॉश कर प्रतिबंधित संगठनों में भर्ती कराने का भी काम करता है। पीएफआई अपने सदस्यों को न सिर्फ कट्टरपंथ बल्कि उन्हें किस तरह से हिंसा फैलाना है, इस बात की भी ट्रेनिंग देता है।
ये संगठन साउथ इंडिया में 200 से ज्यादा आतंकवादियों को ट्रेनिंग दे चुका है, जिसका मकसद इन्हें गैर-मुस्लिमों के खिलाफ दंगों के दौरन ह्यूमन मिसाइल के तौर पर इस्तेमाल करना है। बता दें कि PFI अलग-अलग तरीके से जमा फंड का इस्तेमाल UAPA के केस में बंद आरोपियों की मदद के लिए भी करता था। जानकारी के मुताबिक, पीएफआई के टारगेट पर कई बड़े नेता थे। इस संगठन का मकसद नौजवानों को बरगला कर लश्कर-ए-तैयबा, AQIS (अल कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट) और ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) जैसे आतंकी संगठनों से जोड़ना था। भारतीय जांच एजेंसियों ने गुरुवार को PFI से जुड़े देशभर से कम से कम 106 लोग को गिरफ्तार किया था।
NIA के एक्शन के खिलाफ प्रदर्शन के आसार
पीएफआई के राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक्शन के विरोध में आज देश के कई हिस्सों में हंगामा करने के आसार हैं। इसको देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां के साथ-साथ पुलिस भी काफी चौकस हो गई है और कई शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बता दें कि एजेंसी ने देश के 15 राज्यों में पीएफआई के 93 ठिकानों पर छापेमारी की है और बड़ी संख्या में आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों की गिरफ्तारियां की हैं। छापेमारी के दौरान कई जगहों से धारदार हथियार मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये इस्लामी संगठन आज जुमे की नमाज की आड़ में विरोध प्रदर्शन आयोजित कर सकता है।
एनआईए ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर जो छापेमारी की थी। उसके विरोध में कई जगहों पर इससे जुड़े लोगों के विरोध प्रदर्शन के आसार हैं। प्रोटेस्ट की आशंका के मद्देनजर पीएफआई के प्रभाव वाले राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस-प्रशासन को खास सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं। इस बीच, पीएफआई ने NIA के एक्शन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि एजेंसियों के जरिए उन्हें डराने और धमकाने की कोशिश हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवदियों को फंड मुहैया कराने, उनके लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने की गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है।
मिताली चंदोला