International Women's Day 8 March

International Women’s Day 2024: दुनिया की तकरीबन आधी आबादी का हिस्‍सा महिलाएं हैं। समाज की प्रगति में जितना बड़ा योगदान पुरुषों का है, उतना ही महिलाओं का भी है, लेकिन फिर भी कई जगहों पर आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर और सम्मान नहीं मिल पाता है। उन्‍हें आज भी बराबरी के हक के लिए कई मोर्चों पर लड़ना पड़ता है। राजनीति में आज ज्यादातर जगहों पर महिलाओं को मिले अधिकारों का उपयोग उनके पति, पुत्र या अन्य रिश्तेदार प्रतिनिधि के रूप में करते हैं। यही नहीं उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं का उपभोग करते हैं।

समाज में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के मकसद से हर साल 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आइये जानते हैं कि इस दिन को मनाने के लिए 8 मार्च की तारीख को ही क्‍यों चुना गया? कैसे हुई अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत?

8 मार्च को क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, कैसे हुई इसकी शुरुआत?

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा 8 मार्च 1975 को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च का दिन चुनने की एक खास वजह है। परन्तु पहले ये जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई। दरअसल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक मजदूर आंदोलन की उपज है। इसकी शुरुआत साल 1908 में हुई थी, जब अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में काम करने वाली करीब 15 हजार महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन छेड़ा था। इन महिलाओं की मांग थी नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का अधिकार। महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के एक साल बाद, अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी। वहीं रूसी महिलाओं ने महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध किया था। रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस को लेकर 1917 में हड़ताल की थी। जबकि  यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस एक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं।

परन्तु महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार एक महिला क्लारा ज़ेटकिन का था। क्लारा ज़ेटकिन ने वर्ष 1910 में विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव किया था। क्लारा उस वक़्त यूरोपीय देश डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में शिरकत कर रही थीं। वहां मौजूद सभी महिलाओं ने उनका समर्थन किया और साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में पहली बार महिला दिवस मनाया गया। इसके बाद 1975 को संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी और इसे मनाने के लिए 8 मार्च की तिथि निर्धारित की। तब से हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही मनाया जाता है।

हर साल निर्धारित की जाती है थीम

हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस की थीम निर्धारित की जाती है। साल 2024 की थीम है- Inspire Inclusion। इसका मतलब है एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एम्ब्रेस इक्विटी’ पर रखी गई थी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व

महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान देने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना इस दिन को मनाने का मकसद है। महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व है।