Doordarshan broadcast started 15 September 1959

एक दिन पहले 14 सितंबर को देशवासियों ने हिंदी दिवस धूमधाम के साथ मनाया। आज की तारीख भी इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। 63 साल पहले 15 सितंबर 1959 को ‘दूरदर्शन’ ने देश में पहली बार राजधानी दिल्ली से प्रसारण शुरू किया था। उसके बाद रेडियो के साथ देशवासियों ने दूरदर्शन पर चलचित्र देखना शुरू किया था। दूरदर्शन एक ऐसा नाम है जिससे भारत में टेलीविजन के इतिहास की कहानी शुरू की थी।

हालांकि दूरदर्शन के शुरू होने पर हफ्ते में केवल 3 दिन ही टेलीविजन पर कार्यक्रम ब्रॉडकास्ट किए जाते थे, वह भी 30 मिनट के लिए। भारत में दूरदर्शन की शुरुआत एक्सपेरिमेंट के तौर पर हुई थी और इसे ‘टेलीविजन इंडिया’ नाम दिया गया था। शुरुआत में स्कूली बच्चों और किसानों के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित किए जाते थे। और इसका संचालन ऑल इंडिया रेडियो करता था। 1965 से रोजाना कार्यक्रम प्रसारित किए जाने लगे।

दूरदर्शन ने अपना प्रसारण रोजाना शुरू कर दिया था। पांच मिनट के समाचार बुलेटिन का आगाज भी इसी साल हुआ। उसके बाद 10 वर्ष तक दूरदर्शन धीरे-धीरे अपनी गति में आगे बढ़ता रहा।‌ 1975 तक यह सिर्फ 7 शहरों तक ही सीमित था। इसी वर्ष इसका हिंदी नामकरण ‘दूरदर्शन’ से किया गया। यही नहीं कई बड़े फिल्म स्टारों ने भी अपनी यात्रा दूरदर्शन से ही शुरू की थी। शाहरुख खान, इरफान खान, पंकज कपूर, विद्या बालन, राकेश बेदी, मंदिरा बेदी, और मुकेश खन्ना आदि ऐसे कलाकार रहे जो टेलीविजन की दुनिया से ही निकलकर बॉलीवुड के बड़े स्टार बने।

हालांकि साल 1980 तक दूरदर्शन की रफ्तार तेज नहीं हो पाई थी। लेकिन वर्ष 1982 में ऐसा वर्ष था जो दूरदर्शन की विकास यात्रा को गति देने के लिए जाना जाता है। इस वर्ष नई दिल्ली में आयोजित हुए ‘एशियाई खेलों’ के प्रसारण ने भारत में दूरदर्शन की दिशा में ‘क्रांति’ ला दी थी। 1982 में ही देश में रंगीन (कलर) टेलीविजन बाजार में आ गए थे। इससे दूरदर्शन के दर्शकों में इसके प्रति दीवानगी अचानक बढ़ गई थी। उस दौर में टेलीविजन ही मनोरंजन करने का सस्ता साधन हुआ करता था। अपने मनपसंद कार्यक्रमों और धारावाहिकों के लिए देशवासी एक सप्ताह तक इंतजार करते थे। टेलीविजन पर चित्रहार, सिनेमा, धारावाहिक और अन्य कार्यक्रमों को देखने के लिए लोग अपने महत्वपूर्ण काम भी छोड़ दिया करते थे। धारावाहिक रामायण, महाभारत, हम लोग, बुनियाद, नुक्‍कड़, यह जो है जिंदगी, शांति, शक्तिमान चित्रहार और रंगोली जैसे कार्यक्रमों ने दूरदर्शन की लोकप्रियता को बुलंदियों पर पहुंचा दिया।

वर्ष 1990 के बाद दूरदर्शन ने अपने लोकप्रिय ‘मेट्रो चैनल’ की शुरुआत की थी। मेट्रो ने कम समय में ही लोगों को अपना दीवाना बना लिया था। उसके बाद दूरदर्शन कई चैनल अपने शुरू किए। 2003 में दूरदर्शन का 24 घंटे चलने वाला समाचार चैनल शुरू किया गया था। दो राष्‍ट्रीय और 11 क्षेत्रीय चैनलों के साथ कुल दूरदर्शन के कुल 21 चैनल प्रसारित होते हैं।

शंभू नाथ गौतम