World Environment Day, make nature green for a healthy life

World Environment Day: आज संडे है। यह दिन कुछ फुर्सत से भरा हुआ होता है। लेकिन कुछ दिनों से पूरे उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी से लोग बेहाल हैं। राजधानी दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड समेत कई प्रदेशों में मौसम विभाग ने गर्मी का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। खैर ! यह मौसम है आने वाले दिनों में बदल ही जाएगा। आज गर्मी है कल बरसात होगी, लोगों को सुकून और राहत मिलेगी। लेकिन अगर ‘प्रकृति रूठ’ गई तो मनुष्य का जीवन ही संकट में आ जाएगा। अब आप लोग सोच रहे होंगे संडे, गर्मी, मौसम के साथ प्रकृति की बातें क्यों हो रही है। प्रकृति और पर्यावरण की चर्चा इसलिए हो रही है कि आज 5 जून है। आज ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ है। हर साल इसी तारीख को यह दिवस मनाया जाता है। चर्चा की शुरुआत इन चंद लाइनों से करते हैं। ‘जंगलों को काट कर कैसा गजब हम ने किया, शहर जैसा एक आदम-खोर पैदा कर लिया’।

यह ‌लाइनें इंसानों को एक सबक देती है जो अपनी प्रकृति के प्रति सचेत और जागरूक नहीं हो रहे हैं। राजधानी दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक। यह किसी भी देश के लिए दुर्भाग्य ही माना जाएगा कि उसकी राजधानी की आबोहवा सबसे खराब है। दिल्ली ही नहीं देश के सैकड़ों शहर ऐसे हैं जो बढ़ते प्रदूषण की वजह से कराह रहे हैं। शहरों में तेजी के साथ बढ़ रहे प्रदूषण की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। गाड़ियों से निकलने वाला धुआं हरियाली को नष्ट कर रहा है। ‌ इसके साथ जंगलों की अंधाधुंध कटाई भी लगातार जारी है। ‌‌‌‌देश के बड़े शहरों में करोड़ों लोग बढ़े हुए तापमान और प्रदूषित हवा में जी रहे हैं। ये हाल सिर्फ दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों का नहीं है बल्कि पूरी दुनिया का है। तापमान में तेजी से बदलाव का असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा खतरा बन गया है। यही वजह है कि कई जीव जंतु विलुप्त हो रहे हैं। साथ ही लोग भी सांस से जुड़े कई तरह के रोगों से लेकर कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। विश्व पर्यावरण दिवस’ को हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है, ‘ओन्ली वन अर्थ’ मतलब ‘केवल एक पृथ्वी’ है। यानी ये ग्रह हमारा एकमात्र घर है।

औद्योगीकरण के दौर में पर्यावरण को हरा भरा बनाने के लिए भी आगे आना होगा

आज के औद्योगीकरण के दौर में पर्यावरण के बारे में सोचना बेहद जरूरी है, क्योकि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की वजह से पर्यावरण को पिछले कुछ दशकों में काफी नुकसान हुआ है। विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्‍य लोगों को जागरूक करना है और पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्‍हें हर संभव प्रेरित करना है। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर कई सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं।  हमारे महापुरुषों ने पर्यावरण बचाने के लिए तमाम आंदोलन किए। लोगों को जागरूक भी किया। लेकिन हाल के कुछ वर्षों से आज जल, जंगल और जमीन सभी कुछ खत्म होता जा रहा है। नदियां सूखती जा रही हैं। किसानी जोतें भी कम होती जा रही हैं। ये प्रकृति का असंतुलन ही है कि न तो उतनी बारिश हो रही है और न ही पहले की तरह मौसम हो रहा है। या तो इतनी बारिश होती है कि बाढ़ आ जाती है और कहीं बारिश न होने की वजह से सूखा पड़ जाता है।

स्वच्छ पर्यावरण हमें स्वस्थ बनाता है और बीमारियों से दूर रखता है

स्वच्छ पर्यावरण हमें स्वस्थ बनाता है और तमाम प्रकार की बीमारियों से दूर भी रखता है। इसके साथ हरियाली शहरों को भी खूबसूरत बनाती है। ‌हमें प्रकृति के साथ ‘तालमेल’ बिठाना होगा। प्रकृति जब बिगड़ती है तब वह इंसानों को संदेश भी देती है कि अभी भी मौका है संभल जाओ। विश्व पर्यावरण दिवस को तब ही सफल बनाया जा सकता है जब हम पर्यावरण का ख्याल रखेंगे। हर व्यक्ति को ये समझना होगा कि जब पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तभी धरती पर जीवन संभव है। मत फैलाओ अब प्रदूषण, पर्यावरण का करो संरक्षण! चलो करें हम वृक्षारोपण, पर्यावरण का हो संरक्षण सबको देनी है यह शिक्षा, पर्यावरण की करो सुरक्षा, पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं, आओ मिलकर पौधे लगाएं । स्वच्छ साफ पर्यावरण हमें स्वस्थ बनाता है। मनुष्य के लिए प्रकृति की भूमिका हमेशा से अग्रणी रही है। पर्यावरण के बीच हमारा गहरा संबंध है, मनुष्य भी पर्यावरण और पृथ्वी का एक हिस्सा ही हैं। प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं है।

शंभू नाथ गौतम