ग्रेटर नोएडा: इन्फोर्मा मार्केट्स द्वारा आयोजित बैटरी शो इंडिया ने रिन्यूएबल एनर्जी एक्स्पो रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2023 के 16वें संस्करण के साथ अपने पहले संस्करण की शुरूआत की। दोनों शोज़ का आयोजन ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में 4 से 6 अक्टूबर के बीच किया जा रहा है। उद्योग जगत के दिग्गज, नीति निर्माता, विशेषज्ञ एवं प्रदर्शक स्थायी उर्जा समाधानों के प्रदर्शन के लिए इस मंच पर एक जुट हुए हैं। भारत के रीन्युएबल एनर्जी, एनर्जी स्टोरेज एवं ईवी उद्योगों के दिग्गज इस असाधारण एवं ऐतिहासिक आयोजन में हिस्सा लेकर अपने विचार प्रस्तुत कर रहे हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी एवं बैटरी समाधानों पर भारत के प्रतिष्ठित शो के उद्घाटन के अवसर एलेक्स विटवर्थ, वाइस प्रेसीडेंट एवं हेड ऑफ एशिया पेसिफिक पावर एण्ड रीन्यूएबल्स रीसर्च, वुड मैकेन्जी, विनसेंज़ो डे ल्यूसा भारत के लिए इटली के अम्बेसडर, कुलजीत पोपली, पूर्व चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर- आईआरईडीए एवं पूर्व सलाहकार, आईएसए, डायरेक्टर क्लाइम फाइनैंस, एन जनैया, वाईस चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, टीएसआरईडीसीओ, क्रिस्टोफर ईव, सीनियर वाईस प्रेसीडेंट, इन्फोर्मा मार्केट्स इन एशिया श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया और श्री रजनीश खट्टर, सीनियर ग्रुप डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया।
एलेक्स विटवर्थ वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं हैड ऑफ एशिया पेसिफिक पावर एण्ड रीन्यूएबल्स रीसर्च वुड मैकेन्जी ने कहा कि ‘नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र की बात करें तो इसमें दो पहलु महत्वपूर्ण हैं पिछले दो दशकों में ग्लोबल मार्केट दोगुना हो गया है और अगले दो सालों में इसके दोगुना होने की उम्मीद है। क्योंकि फॉसिल फ्यूल के बजाए नवीकरणीय उर्जा स्रोतों की मांग बढ़ रही है। उम्मीद है कि 2050 तक दुनिया की विद्युत की मांग का आधा हिस्सा पवन एवं सौर उर्जा द्वारा पूरा होगा। ऐसे में आने वाले दो दशकों में पवन एवं सौर उर्जा में आधुनिक तकनीकों में चार गुना बढ़ोतरी होगी। हालांकि इस सेक्टर में कई चुनौतियां हैं। अगले दशक में इसमें 3 ट्रिलियन डॉलर निवेश की ज़रूरत होगी, किंतु साथ ही यह सेक्टर उद्योग जगत के हितधारकों को ढेरों अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
इस अवसर पर कुलजीत पोपली, पूर्व चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर- आईआरईडीए एवं पूर्व सलाहकार, आईएसए, डायरेक्टर क्लाइम फाइनैंस ने कहा, ‘‘वर्तमान में जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है, जिसे जल्द से जल्द हल करने की ज़रूरत है। इस संकट को हल करने के लिए हरित हाइड्रोजन, उर्जा संग्रहण एवं ई-मोबिलिटी कारगर हो सकते हैं। सरकार ने नेट-ज़ीरो उत्सर्जन के लक्ष्य रखे हैं और दुनिया के पास सीमित कार्बन बजट है। हरित उर्जा में निवेश तथा खासतौर पर भारत में ईवी का अडॉप्शन तेज़ी से बढ़ रहा है। जो परिवहन सेक्टर से होने वाले उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उम्मीद है कि बैटरी शो इंडिया के पहले संस्करण को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।
शो में 900 से अधिक ब्राण्ड्स, 250 प्रवक्ताओं और 40,000 से अधिक आगंतुकों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। विभिन्न सेक्टरों जैसे उर्जा, ऑटोमोटिव, परिवहन, एवं मोबिलिटी के दिग्गज नवीकरणीय उर्जा एवं बैटरी समाधानों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इंडिया ने कहा, ‘‘बैटरी शो इंडिया एवं रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2023 का आयोजन एक साथ होना, रिन्यूएबल एनर्जी, एनर्जी स्टोरेज एवं ईवी सेक्टर में इनोवेशन एवं साझेदारियों को प्रोत्साहित करेगा। रिन्यूएबल एवं ईवी में भारत की लीडरशिप, तथा सरकारी सहयोग एवं महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के चलते बैटरियों की मांग आने वाले समय में तेज़ी से बढ़ेगी। भारत नवीकरणीय उर्जा का दुनिया का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है और इसने 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ बैटरियों की मांग 25 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ने का अनुमान है।