देहरादून: प्रदेश की राजधानी देहरादून में इन दिनों प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ जबरदस्त ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसीक्रम में शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रेमनगर में अवैध रूप से कब्जाई दुकानों/मकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। शुक्रवार सुबह प्रेमनगर में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान ध्वस्तीकरण टीम ने 15 मिनट की कार्रवाई में भारी विरोध के बीच प्रेमनगर का अतिक्रमण मलबे में कर दिया दिया। इस दौरान गुस्साए और भड़के व्यापारियों ने ध्वस्तीकरण के खिलाफ धरना भी दिया और ध्वस्तीकरण टीम पर पथराव भी किया। परन्तु व्यापारियों की गुस्साई भीड़ की पुलिस के आगे एक नहीं चली। पुलिस ने हमलावर हो रही भीड़ को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया।
शुक्रवार को सुबह-सुबह ध्वस्तीकरण टीम ने प्रेमनगर में जेसीबी लेकर अतिक्रमण के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान शुरू कर दिया। परन्तु जैसे ही ध्वस्तीकरण टीम ने प्रेमनगर में जेसीबी से अवैध दुकानों को ढहाना शुरू किया वैसे ही सैकड़ों की संख्या में व्यापारी विरोध करते हुए सामने आ खड़े हुए। बता दें कि पिछले दो महीने पहले भी प्रेमनगर में जब अतिक्रमण दस्ता जेसीबी लेकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करने पहुंचा था तब व्यापारियों के समर्थन में कई विधायक और नेताओं के आ जाने से ध्वस्तीकरण टीम को बिना कार्रवाई के बैरंग वापस लौटना पड़ा था। जिसके बाद फिर नैनीताल हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और हाईकोर्ट ने अतिक्रमण ध्वस्तीकरण अभियान में बाधा बनने वालों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए।
नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण ध्वस्तीकरण टीम ने राजधानी के कई हिस्सों में अतिक्रमण को ध्वस्त किया है। इस बार अतिक्रमण ध्वस्तीकरण टीम पूरे साजो सामान और लश्कर के साथ पूरी तैयारी से अतिक्रमण ढहाने शुक्रवार की सुबह प्रेमनगर पहुंची। व्यापारियो के विरोध करने की आशंको को समझते हुए इस बार भारी पुलिस बल साथ लिया गया था। भारी पुलिस बल के बीच जैसे ही टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की वैसे ही व्यापारी संगठनों का विरोध भी शुरू हो गया। पहले व्यापारी ध्वस्तीकरण के खिलाफ धरने पर बैठ गए। परन्तु जेसीबी के आगे उन्हें उठने को मजबूर होना पड़ा। इसके बाद अभियान को रोकने के इरादे से व्यापारियों ने जेसीबी और टीम पर पथराव कर दिया। पथराव होते ही स्थिति तनावपूर्ण हो गई। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने भड़की और पथराव करती भीड़ पर लाठीचार्ज किया और भीड़ को दूर तक खदेड़ दिया। भीड़ को खदेड़ने के बाद अतिक्रमण ढहाने का काम तेजी से शुरू किया गया। इस दौरान आक्रोशित व्यापारियों की एसपी सिटी से भी तीखी नोकझोंक हुई। भीड़ को खदेड़ने और स्थिति को काबू में करने के बाद ध्वस्तीकरण टीम ने प्रेमनगर मुख्य बाजार में पिछलेकरीब 50 साल से बसी 158 दुकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर जमींदोज कर दिया। प्रेमनगर क्षेत्र में हाई-वे रोड़ के दोनों ओर बॉटल नेक के रूप में 120 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर अतिक्रमण चिन्हित किये गए हैं। टीम की यह कार्यवाही अभी आगे भी जारी रहनी है।
व्यापारियों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया
अतिक्रमण अभियान के दौरान प्रेमनगरके व्यापारियो ने पुलिस और प्रशासन पर पक्षपात का आरोप भी लगाया। व्यापारियों ने कहा कि पहले अवैध अतिक्रमण हटाओ फिर हम अपनी दुकानें तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यदि उनकी दुकानें अवैध हैं तो नक्शा पास क्यों किया गया। इस दौरान एक व्यापारी ने आत्मदाह की धमकी भी दी। हांलाकि बाद में वह खुद ही अपनी दुकान भी तोड़ने लगा था। एसपी सिटी प्रदीप रॉय ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
प्रेमनगर के रिहाईशी इलाको में भी चल सकता है ध्वस्तीकरण
प्रेमनगर में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को पूरी तरह से पालन करवाने के बाद लगता है कि अब प्रशासन रिहाईशी इलाकों में हुए अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है। शहर में कुल 8608 अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है। इनमें 4933 अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण और 139 भवनों को सीलिंग किया गया है। प्रेमनगर में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के बाद शहर के अन्य जगहों में तेजी आने से इनकार नहीं किया जा सकता। उधर, प्रेमनगर में अतिक्रमण विरोधी अभियान का विरोध कर चुके विधायक गणेश जोशी अब भी अपने बात अड़े हैं। गणेश जोशी का कहना है कि यहां ज्यादातर लोग सरकार की ओर से दिए गए पट्टे पर बसे हैं। सरकार को उनके घर /दुकानों को उजादने के बजे इसका कोई विकल्प तलाशना चाहिए।