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नई दिल्ली: संगीत नाट्य अकादमी भारत सरकार द्वारा कला एवं संस्कृति निदेशालय, मेघालय सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड की स्वर कोकिला आशा नेगी को “उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ” युवा पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया है। मेघालय की राजधानी शिलाँग में 14 सितम्बर से 18 सितम्बर तक आयोजित सम्मान समारोह में संगीत, नृत्य एवं नाटक से जुड़े देश के प्रतिभावान युवा कलाकारों को सम्मानित किया गया।

संगीत नाट्य अकादमी हर वर्ष संगीत और कला के क्षेत्र में देश के युवा प्रतिभावान कलाकारों को उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ युवा पुरस्कारों से सम्मानित करती है। इस वर्ष लोक संगीत के क्षेत्र में यह पुरस्कार शनिवार 15 सितम्बर को उत्तराखण्ड की स्वर कोकिला आशा नेगी को उनके लोकगीत न्योली (विदाई गीत) के लिए प्रदान किया गया। उत्तराखण्ड की लोकप्रिय गायिका आशा नेगी को संगीत नाट्य अकादमी द्वारा उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर पूरे उत्तराखण्ड के लोग अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

इसी ख़ुशी में मंगलवार 18 सितम्बर को दिल्ली की विभिन्न संस्थाओं उत्तराखंड एकता मंच, उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच, हिमवंत चंद्र कुंवर बर्तवाल स्मृति मंच, उत्तराखंड आर्य विकास समिति एवं बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था द्वारा पंचकुइया रोड, नई दिल्ली स्थित गढ़वाल भवन में संयुक्त रूप से उनके सम्मान में एक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड संगीत जगत की हस्तियों के अलावा समाज के अनेकों गणमान्य व्यक्ति, समाज सेवी, बुद्धिजीवी व कवियों ने आशा नेगी का अभिनंदन किया और उन्हें शुभकामनाएं दी।

 

इस अवसर पर आशा नेगी ने उपस्थित सभी सज्जनों का आभार करते हुए कहा कि यह सम्मान मुझे नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड समाज को मिला है। समाज के सहयोग से ही मुझे शक्ति मिली है। इस मौके पर वह भावुक हो गई। उन्होंने उत्तराखंड सरकार के प्रति नाराजगी भी जताई। उनका कहना था कि प्रदेश सरकार अपने कलाकारों के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभा रही है। जबकि कलाकार अपनी पूरी लगन व मेहनत से कला एवं संगीत के क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम पूरे विश्व मे ऊंचा कर रहे है। उत्तराखंड सरकार को भी चाहिए कि अपने लोक कलाकारों को सम्मान दे। जनता द्वारा मिले असीम प्यार से आशा जी गदगद नजर आई। इस मौके पर अंत में आशा नेगी ने अपना पुरस्कृत “न्यौली गीत” गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।