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नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार यानी 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। कल होने वाले भारत बंद को देशभर के 40 किसान संगठनों के संगठन “संयुक्त किसान मोर्चा” के नेतृत्व में किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में देशभर के तमाम किसान संगठन हर राज्यों में जनसभाएं कर लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह भारत बंद में किसानों का साथ दें और उनका समर्थन करें। संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि कर्मचारी यूनियन, ट्रांसपोर्ट यूनियन समेत कई संस्थाओं के भारत बंद को पहले ही अपनी सहमति दे दी है।

मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक के लिए किया गया है। मोर्चा ने कहा है कि इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए इस भारत बंद का विपक्षी दल भी समर्थन कर रहे हैं। इस बंद को कांग्रेस, माकपा, राकांपा, तृणमूल, राजद जैसे विपक्षी दलों को समर्थन मिला है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेने का निर्णय लिया है।

मोर्चा ने कहा है कि ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AlBOC) ने सोमवार को आयोजित होने वाले बंद को अपना समर्थन दिया है। साथ ही सरकार से किसानों के साथ बातचीत करने और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का अनुरोध किया है। जिसके चलते ऐसी संभवनाएं जताई जा रही हैं कि देश में कई बैंक में 27 सितंबर को काम नहीं होगा।

भारत बंद का असर?

हालांकि, इस बार भारत बंद का असर दिल्ली पर देखने को नहीं मिलेगा। किसान नेताओं ने साफ कहा है कि वे दिल्ली के अंदर घुसकर विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे। वह दिल्ली आने वाली सड़कों को ब्लॉक कर अपना विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। जिसके चलते दिल्ली की सीमाओं पर लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो सकती है।

भारत बंद की वजह दिल्ली-एनसीआर में लाखों छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। असल में दिल्ली यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस एग्जाम 27 सितंबर है, ऐसे में एनसीआर से आने वाले छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने में दिक्कत होगी। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के मनजीत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि किसी भी छात्र को परीक्षा में जाने से नहीं रोका जाएगा।

हरियाणा में किसानों ने भारत बंद के तहत 27 सितंबर को सभी राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों को 10 घंटे (सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे) के लिए अवरुद्ध करने का दावा किया है। हरियाणा बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चादुनी ने कहा कि एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं को भारत बंद से कोई दिक्कत नहीं होगी।

उन्होंने कहा, ”हम सरकारी नीतियों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं लेकिन जनता को कोई असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते हैं। हमने दुकानदारों, कर्मचारियों और कर्मचारियों से भी बंद के आह्वान में शामिल होने और समर्थन करने की अपील की है।”

पंजाब में भी संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का असर देखने को मिल सकता है। बीकेयू डकौंडा के महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा है कि 27 सितंबर को हम पंजाब में सभी क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर भागीदारी की उम्मीद करते हैं।”

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में भारत बंद का बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा।

किसान संगठनों ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि भारत बंद का सर्मथन करने के लिए किसी के साथ कोई जोर-जबरदस्ती ना की जाए। लोगों से स्वेच्छा से सब कुछ बंद करने की अपील की जाए।