char-dham-all-whether-road

देहरादून: उतराखंड में केंद्र सरकार की चारधामों गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने के लिए बनाई जा रही ऑल वैदर रोड़ परियोजना के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि रोड के लिए पेड़ नहीं कटेंगे और जहां रोड कटिंग हो चुकी है वहां सड़क निर्माण का काम जारी रहेगा। ओम प्रकाश ने कहा कि मीडिया ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सही अर्थ नहीं निकाला है।

सुप्रीम कोर्ट ने केवल एनजीटी के आदेश पर रोक लगाई है अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि सड़क के लिए और पेड़ नहीं कटेंगे लेकिन जनता की सुविधा के लिए काम जारी रहेगा। बता दें सोमवार को देहरादून के एनजीओ सिटिजंस फॉर ग्रीन दून की विशेष अनुमति याचिका पर सर्वोच्च न्यायलय ने एनजीटी के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें ऑल वैदर रोड़ के काम को जारी रखने के लिए हरी झंडी दी गई थी। सिटिजंस फॉर ग्रीन दून का तर्क रहा है कि इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने परियोजना को 53 छोटे भागों में तोड़ कर पर्यावरण प्रभाव अध्ययन से बचने की कारस्तानी की है। जबकि परियोजना से करीब 400-500 किमी सड़क एक साथ बन रही है और उसमें पहाड़ी ढलानों पर जितने पेड़ काटे गए हैं उसका पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ना तय है। यही नहीं पेड़ों के बदले अगर मैदानी जगहों पर पेड़ लगाए भी जाते हैं तो हिमालयी क्षेत्रों में हुए पारिस्थिकीय नुकसान को कैसे बचाया जा सकता है।

एनजीटी ने दी थी अनुमति

एनजीटी ने 26 सितंबर का आदेश देकर ऑल वैदर रोड़ परियोजना को हरी झंडी दे दी थी और राजमार्ग के बनने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया था। इस सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक विशेष सचिव करेंगे। एनजीटी में ग्रीन दून और अन्य लोगों द्वारा इस परियोजना को चुनौती दी थी और कहा था कि इससे पहाड़ों के पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा। याचिकाकर्ता के वकील संजय पारिख के अनुसार परियोजना बिना किसी पर्यावरण मंजूरी के शुरू हुई है और उचित वन मंजूरी के बिना 25000 से अधिक पेड़ काटे गए हैं। इसके अलावा इससे पहाड़ों और गंगा की सहायक नदियों को व्यापक नुकसान होगा क्योंकि मलबे की डंपिंग के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है