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देहरादून: नगर निगम देहरादून के मेयर पद के लिए कांग्रेस में अंदरूनी जोड़तोड़ शुरू हो गया है। अपनी दावेदारी पुख्ता करने के लिए दावेदार नेता पूरा जोर लगाए हुए हैं। कांग्रेसी दिग्गजों के साथ पोस्टर-बैनर छपवाए जा रहे हैं। माहौल अपने पक्ष में करने के लिए पूरा दबाव बनाया जा रहा है। कई दावेदार पोस्टर-बैनरों से गायब कर दिए गए हैं, लेकिन वे भी अपने स्तर से पूरी ताकत के साथ तैयारी में जुट गए हैं। बड़े नेताओं को अपने पक्ष में करने के लिए उनके दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। उत्तराखंड के सबसे बड़े नगर निगम के मेयर की कुर्सी कब्जाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कांग्रेस से कई दावेदार टिकट की दौड़ में शामिल हैं। टिकट पाने के लिए खूब मेहनत की जा रही है।

देहरादून नगर निगम मेयर पद के लिए कांग्र्रेस में एक दर्जन से अधिक दावेदार हैं। प्रदेश सचिव सुनीता प्रकाश अपनी स्थिति मजबूत बनाने में लगी हैं। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय, वकील होने के साथ एक समाजसेवी के तौर पर वह लम्बे समय से लोगों के बीच कार्य कर रही हैं। कई सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी करने वाली सुनीता बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जनजागरूकता अभियान हो या फिर महिला सुरक्षा को लेकर आंदोलनों में बढ़चढ़ कर भागीदारी करती रही हैं।

यूं तो कांग्रेस की तरफ से मेयर पद को लेकर टिकट के दावेदार कई हैं लेकिन उनमें से ज्यादातर को जनता ने 2017 के विधानसभा चुनाव या उससे पूर्व के चुनाव में नाकार दिया है। कांग्रेस को वापसी के लिए हर हाल में नगर निगम व पंचायत चुनाव में बेहत्तर प्रदर्शन करना है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी चाहेंगे कि उस प्रत्याशी को टिकट थमाया जाय जो लगातार जनता के सम्पर्क में हो और जिसे हर तबके का समर्थन हासिल हो। ऐसे में सुनीता प्रकाश हर लिहाज से फिट बैठती हैं। निर्बल वर्ग, राज्य आंदोलनकारियों, वकीलों के समर्थन के साथ ही उन्हें अन्य वर्गों का समर्थन भी हासिल है। यदि देहरादून मेयर पद महिलाओं के लिए आरक्षित होता है, तो फिर सुनीता प्रकाश की राह काफी आसान हो जायेगी। सुनीता प्रकाश ने महिला कार्यकर्ताओं के बीच खास पहचान बनाई है। विधानसभा चुनाव में वह कई बार टिकट मांग चुकी हैं। महिलाओं के चुनावी प्रतिनिधित्व के सवाल पर वह हमेशा मुखर रही हैं। उनकी दावेदारी की मजबूती भी इस बात पर काफी हद तक टिकी है कि ये सीट महिला आरक्षित होती है या नहीं। सुनीता प्रकाश ने पिछले विधानसभा चुनावों में राजपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदार की थी। लेकिन उस समय उनका टिकट काट दिया गया था। माना जा रहा है कि इस बार उन्हें मौका मिल सकता है। इसके अलावा कई दूसरे दावेदार मैदान में हैं, जो अपनी दावेदारी पुख्ता करने को पूरा दम लगाए हुए हैं।