देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आज राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। साल 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा के बाद 4 जुलाई 2021 को पहली बार पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनते ही पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का सबसे युवा सीएम बनने का रिकॉर्ड बना लिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के दौरान साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई। और उन्हें एक बार फिर से सदन का नेता चुना गया और यहीं से उनकी बतौर मुख्यमंत्री दूसरी पारी शुरू हो गयी।

तीन साल के दौरान लिए गए कई अहम फैसलों से सीएम धामी ने देश भर में धमक बना डाली। तीन साल के कार्यकाल में सीएम धामी ने कई महत्वपूर्ण और सख्त फैसले लिए हैं। जिनमे समान नागरिक संहिता के साथ ही नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी, दंगारोधी कानून बनाया। साथ ही लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराना शामिल हैं।

जिसके बाद से उत्तराखंड के फैसलों का कई राज्य अनुकरण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इन्हीं फैसलों की वजह से धामी की तारीफ कर चुके हैं। इन तीन साल के कार्यकाल में सरकार की ओर से ताबड़तोड़ 68 बड़े फैसले लिए गए।

धामी सरकार की उपलब्धियां

  1. समान नागरिक संहिता

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक लागू किया गया। इससे सभी को समान अधिकार मिलेंगे।

  1. नकल विरोधी कानून

प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया। इस कानून के लागू होने के बाद पारदर्शिता के साथ समय पर परीक्षाएं संपन्न हो रही हैं।

  1. धर्मांतरण विरोधी कानून

उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिये एक सख्त धर्मांतरण

विरोधी कानून लागू किया गया। अब प्रदेश में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने या करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

  1. दंगारोधी कानून

प्रदेश में दंगारोधी कानून को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही दंगे में होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी। इसके लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया गया है।

  1. लैंड जिहाद

लैंड जेहाद पर कार्यवाही करके देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया है। लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है।

  1. महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण

प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है। इससे महिला सशक्तिकरण को और अधिक बल मिलेगा।

  1. राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण

लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया गया।

  1. नारी सशक्तिकरण योजना

नारी सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है।

  1. लखपति दीदी योजना

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। वर्तमान में करीब 80 हजार महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सलाना पांच से सात लाख कमाकर लखपति दीदी बनी है। सरकार ने 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।

  1. उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट

उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में विभिन्न देशों के उद्योगपतियों द्वारा 3.56 लाख करोड़ के 1,779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। राज्य सरकार 20 फीसदी करार को धरातल पर उताकर अब तक 71 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउंडिंग की जा चुकी है।

  1. एक जनपद दो उत्पाद

उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को बड़े स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से “एक जनपद दो उत्पाद योजना” की शुरुआत की गई। इस योजना के जरिए प्रत्येक जिले में स्थानीय उत्पादो को व्यावसायिक रूप से बढ़ावा मिल रहा है, उत्तराखंड के 27 उत्पादों को जीआई टैग भी मिल चुके हैं।

  1. होम स्टे योजना

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिये होम स्टे योजना शुरु की गई है। इस योजना के तहत, पर्यटकों के ठहरने के लिए पहाड़ों में होम स्टे बनाने पर सरकार 10 लाख रुपये तक की छूट दे रही है। यह योजना पहाड़ों से पलायन रोकने और रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने में काफी सफल साबित हो रही है।

  1. नई खेल नीति

उत्तराखंड में नई खेल नीति को लागू कर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस नीति के तहत ओलंपिक खेल में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को ग्रुप-B पद (ग्रेड पे-5400) पर और ओलंपिक खेल में प्रतिभाग करने वाले एवं विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के पदक विजेता खिलाड़ी को सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जा रही है। इसके साथ 8 से 14 साल तक के खिलाड़ियों को शारीरिक टेस्ट और दक्षता के आधार पर हर महीने 1500 रुपये एवं 14 से 23 साल तक के 2600 मेधावी खिलाड़ियों को 2000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जा रही है।

  1. सीएम हेल्पलाइन 1905

समस्याओं के समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 पर 24 घंटे शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। समय-समय पर इस हेल्पलाइन नंबर की समीक्षा स्वयं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी करते हैं तथा शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लेते हैं।