100 top IITians of the country: जाने-माने भू-वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. विजय प्रसाद डिमरी को देश के शीर्ष 100 ग्रेट आईआईटीयन (IITians) की सूची में जगह मिली है। ये वो आईआईटीयंस हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के विकास के लिए विदेशों में शानदार मौके छोड़ने का विकल्प चुना।
इस सूची में इंफोसिस अध्यक्ष नारायण मूर्ति समेत स्टेनलेस स्टील गुरु वाईपीएस सूरी, नंदन नीलेकणि, दामोदर आचार्य, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर, कोटा के हरि नारायण और कैप्टन एनएस मोहन जैसे चर्चित
नाम भी शामिल हैं। पैन आईआईटी इंडिया के संस्थापक कमांडर वीके जेटली की ओर से यह सूची तैयार की गई है। आईआईटी खड़कपुर से निकले जेटली खुद भी प्रेरक वक्ता और सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं और अपने संचार कौशल के लिए जाने जाते हैं।
आईआईटियंस के बारे में धारणा तोड़ना उद्देश्यः
आईआईटियंस के बारे में आम धारणा है कि वे पासआउट होने के बाद विदेश में बसने का फैसला करते हैं। इस धारणा को तोड़ने के लिए ही यह सूची जारी की गई है। आईआईटी खड़कपुर से निकले कमांडर जेटली ने चार साल तक शोध कर देश के 100 महान आईआईटियंस की कहानी संकलित की। इस पुस्तक में शामिल आईआईटियन शिक्षा, उद्योग, अनुसंधान एवं विकास आदि क्षेत्रों से है।
कर्णप्रयाग से हासिल की प्रारंभिक शिक्षा
चमोली के डिम्मर गांव निवासी डॉ. विजय प्रसाद डिमरी ने कर्णप्रयाग से शुरुआती शिक्षा के बाद धनबाद से आईआईटी और 1978 में जियोफिजिक्स से पीएचडी की। वे नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई- सीएसआईआर) हैदराबाद में साढ़े नौ साल निदेशक रहे। वे फेडरेशन ऑफ इंडियन जियो साइंसेज के अध्यक्ष हैं। मोदी सरकार ने उनको 36वीं अंतरराष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया था।
बदरीनाथ के विधायक रह चुके हैं पिता
डॉ. विजय प्रसाद डिमरी ने बताया कि जब आईआईटी की तो उनके पास विदेश में जॉब के अनेकों ऑफर आए। लेकिन, पिता धनश्याम डिमरी ने देश को अहमियत देने का पाठ पढ़ाया था। पिता की यह सीख वे आजन्म नहीं भूलेंगे। उनके पिता वर्ष 1957 में बदरीनाथ सीट से पहले विधायक भी रहे। डॉ. डिमरी को 2010 में पद्मश्री समेत अनेकों राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।