फूल देई छम्मा देई

दैण द्वार भर भकार

यीं डेळि सौ नमस्कार

पूजें द्वार बारम्बार।

फूले द्वार, फूल देई फूल देई

 

यह देहरी फूलों से भरपूर और मंगलकारी हो। सबकी रक्षा करे और घरों में अन्न के भण्डार कभी खाली न होने दे। चैत का महीना उत्तराखण्डी समाज के लिए विशेष पारम्परिक महत्व रखता है। बच्चों को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए यह पर्व उत्तराखण्ड में नहीं बल्कि देश-विदेश विशेष रूप से जाना जाता है। विश्व के एक मात्र अनूठे बाल पर्व फुलारी त्योहार से बच्चों को वैज्ञानिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों को जानने व समझने का अवसर प्राप्त होता है। बच्चों को अपनी संस्कृति से जुड़ने के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह पर्व महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

इस अवसर पर लोकसस्कृति व लोक परम्परा के ध्वजवाहक प्रोफेसर डीआर पुरोहित ने राजकीय इंटर कॉलेज खण्डाह (खिर्सू) में पहुँच कर बच्चों से फूलदेई पर्व व लोककलाओं से जुड़ी बहुत सी बातों को साझा किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि कोई भी पर्व या त्यौहार हो वो हमारी संस्कृति को उजागर करते हैं। साथ ही वो हमारी समृद्ध परम्पराओं के वाहक भी होते हैं। फूलदेई पर्व प्रकृति से जुडा पर्व यानि बंसत आगमन की खुशी, ऋतुराज बंसल के स्वागत का भी प्रतीक भी है। उत्सवधर्मिता तीज त्योहारों के प्रति अनुराग हमारी संस्कृति के मूल में रहें हैं और इन्हें शिक्षण प्रक्रियाओं का हिस्सा बनाने का प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। उन्होंने इन सभी विषयों  पर विस्तार से बच्चों से बात की। अपनी सशक्त विरासत को संजोए रखने का सकंल्प भी उन्होंने दिलवाया।

इस अवसर पर बच्चों के बीच फूलदेई विषय को लेकर निबंध व पेन्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई।, जिसके परिणाम निम्न हैं

निबंध जूनियर वर्ग-

  • प्रथम स्थान कुमारी ईशिका चौहान कक्षा 8
  • द्वितीय स्थान दिव्यांक रावत कक्षा 7
  • तृतीय स्थान विशाल भन्डारी कक्षा 6

निबंध सीनियर वर्ग

  • प्रथम स्थान अजय बिष्ट कक्षा 11
  • द्वितीय स्थान आंचल नेगी कक्षा 9
  • तृतीय स्थान राधिका कक्षा 9

पेंटिंग प्रतियोगिता

जूनियर वर्ग

  • प्रथम स्थान ईशिका चौहान कक्षा 8
  • द्वितीय स्थान दिव्यांक रावत कक्षा 7
  • तृतीय स्थान आरूषि कक्षा 6

सीनियर वर्ग

  • प्रथम स्थान अजय बिष्ट कक्षा 11
  • द्वितीय स्थान आयुष कक्षा 9
  • तृतीय स्थान राधिका कक्षा 9

निर्णायक मंडल श्रीमती कुसुम लता थपलियाल, श्रीमती लक्ष्मी सेन, कुंजबिहारी सकलानी, हेमचंद्र मंमगाई रहे।

इस मौके पर सभी विजेता व प्रतिभागी छात्र छात्राओं को हंस कल्चरल संस्था की ओर से सम्मानित किया गया।

विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद किमोठी ने प्रोफेसर डी आर पुरोहित का विद्यालय आगमन व लोकसंस्कृति व परम्पराओं में उनकी सतत् सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया।

आयोजन में विक्रम सिंह नेगी, गोविन्द नंथवान, कुज बिहारी सकलानी, भाष्करानंद गौड़, दलवीर शाह, भगवती प्रसाद गौड़, जसपाल सिंह बिष्ट, मंजु असवाल, राजवीर बिष्ट, संतोषी रौथाण, सुनीता आर्य महेश गिरि, पवन, मंयक पंत, राकेश रूडोला ने सहयोग प्रदान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद किमोठी व संचालन राजवीर सिंह बिष्ट ने किया। आयोजन में हंस फाउंडेशन (कल्चरल विग) ने सहयोग प्रदान किया।