Srinagar News: धाद द्वारा अंकिता-एक ज्योति कार्यक्रम के अन्तर्गत राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, श्रीनगर मे जेंडर समानता और महिला सुरक्षा के सवालों पर एक संवाद सत्र आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक गणो ने भी भाग लिया।

अंकिता भंडारी के न्याय के लिए की गई पहल के अंतर्गत धाद द्वारा जेंडर समानता और महिला सुरक्षा के सवालों पर केंद्रित अभियान “अंकिता-एक ज्योति ”  के अंतर्गत छात्राओं के साथ जेंडर समानता व महिला सुरक्षा के मुद्दे पर संवाद किया गयाI सभा मे विचार पक्ष रखते हुए धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा कि आज समय है जब ल़डकियों को देवी नहीं मनुष्य माने जाने की जरूरत हैI उन्हें सदियों से धर्म व संस्कारों के नाम पर महान, त्याग की मूर्ति और समर्पण की देवी बताकर शोषण किया जाता रहा हैI अब समय है जब उन्हें भी मनुष्य समझकर बराबरी के अधिकार दिए जाएI सदैव ल़डकियों की सुंदरता और रूप पर गीत लिखे गए है, किसी ने भी उनके संघर्ष, सृजन और उत्कर्ष पर गीत नहीं लिखेI उन्होंने कहा कि इस धरती की आधी मनुष्य स्त्रीया है, आधे संघर्ष उनके हैं, आधे सपने उनके है और आधी ताकत भी वो ही हैI

सत्र का संचालन करते हुए अर्चना ने बताया कि हम सबको चाहे वो महिला हो या पुरूष या ट्रांस-जेंडर सबको समानता व सम्मान से जीने का अधिकार है और यह अधिकार हमें भारत के संविधान ने दिया हैI

स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती सुमन लता पंवार ने धाद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा के पक्ष मे धाद की यह पहल अनूठी और प्रभावशाली हैI उन्होंने कहा कि पहली बार किसी ने छात्राओं से इस तरह समानता के अधिकार और सुरक्षा पर बातचीत की है I ये सत्र निश्चय ही बालिकाओं के लिए कई मायनों मे लाभदायक होगाI

इस मौके पर स्कूल की संगीत अध्यापिका ने सुंदर गीत “हम बेटी है बेटी होने पर है गर्व हमें” भी सुनायाI साथ ही इस अवसर पर छात्राओं ने लोकेश नवानी द्वारा रचित “उठ खड़ी हो गीत गा, तू सिर उठाकर बात कर ” और ” धूप मे बादल घटा ठंडी पवन है लड़कियां ” जैसे महिला चेतना के गीत भी गाएI

इस अवसर पर धाद के सचिव तन्मय मंमगाई, युवा कवित्रि प्रिया देवली, एलआईसी से धीरज बलूनी, आनंद सिंह भंडारी, जवाहर सिंह बिष्ट, रविन्द्र रमोला, स्कूल के अध्यापिका मीना गैरोंला, सीमा रावत, सुशीला लिंगवाल, मंजू जुयाल, लता पांडे आदि भी मौजूद थेI