लक्ष्य सेन

उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के लक्ष्य सेन ने देश के लिए 53 साल बाद एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। जकार्ता में चल रही जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के लक्ष्य सेन ने टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में विश्व की नंबर एक वरीयता प्राप्त थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसरन को सीधे गेम में 21-19 और 21-18 से हरा दिया। लक्ष्य सेन यह खिताब जीतने वाले दूसरे पुरुष और ओवरऑल तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।

16 साल के लक्ष्य सेन जूनियर वर्ग में इस समय दुनिया के नबंर-9 खिलाड़ी हैं। लक्ष्य सेन 2017 में जूनियर वर्ग में नंबर 1 खिलाड़ी रह चुके हैं। पुरुष वर्ग में 53 साल पहले 1965 में गौतम ठक्कर ने भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था। उसके बाद पीवी सिंधु ने 2012 में महिला वर्ग का खिताब अपने नाम किया था। और आज लक्ष्य ने दुनिया के टॉप सीड कुनलावुत को हराकर तीसरी बार देश के लिए गोल्ड मेडल जीता।लक्ष्य सेन

आज खेले गए फाइनल मुकाबले के दोनों गेम कांटे की टक्कर के रहे। पहला गेम में 21-19 से जीतने के बाद दूसरे सेट में लक्ष्य सेन को टॉप सीड कुनलावुत से जबरदस्त चुनौती मिली। एक वक्त गेम दोनों 14-14 से बराबरी पर आ गए थे, लेकिन भारतीय स्टार ने 21-18 से गेम जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। इससे पहले लक्ष्य ने सेमीफाइनल में चौथी सीड इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से हराया।