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सतपुली: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हुए विकासखण्ड कल्जीखाल के कोला गांव के शहीद अमित अंथवाल पुत्र नागेन्द्र प्रसाद का पार्थिव शरीर जब उसके घर पहुँचा तो शहीद की माँ अपने एकलौते बेटे को तिरंगे में लिपटे हुए देखकर बेहोश हो गयी और बार यही कह रही थी कि मैं अपने बेटे से कभी बात नही कर पाऊँगी। वही अमित की दोनों बहिनों का रो रो कर बुरा हाल है और बार कह रही है कि हम राखी किसे पहनाएंगे। अमित के पिता नागेन्द्र प्रसाद ये दुःख सहन नही कर पा रहे लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे अपने वीर बेटे पर गर्व है उसने अपने देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है।

amit-anthwal-last-ritesबतादें कि शहीद अमित कुमार अंथवाल का पार्थिव शरीर आज सुबह सेना के हेलीकॉप्टर से पौड़ी पहुंचा। मुख्यमंत्री ने शहीद जवान अमित कुमार को रांसी, पौङी में अंतिम सलामी दी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों के मंसूबों को नाकाम करते हुए शहीद हुए जवान अमित कुमार की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके पैत्रिक गाँव लाया गया. सुबह से ही अमित के घर पर स्थानीय लोग पहुँचकर शोकाकुल परिवार को ढांढस बढ़ाते रहे। वीर शहीद अमित का पार्थिव शरीर जब उसके गांव से उनके पैतृक घाट ज्वाल्पा धाम की तरफ जाने लगा तो लोगो ने वीर शहीदों का बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान, जब तक सूरज चाँद रहेगा अमित तेरा नाम रहेगा नारों से आकाश को गूंजायमान कर नम आँखों से वीर शहीद को श्रद्धाजंलि देकर अंतिम विदाई दी।

पैतृक घाट ज्वाल्पा धाम में पहुँचकर सैनिक सम्मान के साथ शहीद अमित को सलामी दी गयी और स्थानीय लोगों द्वारा नम आँखों से श्रद्धाजंलि दी गयी। घाट पर अमित के पिता नागेन्द्र प्रसाद ने शहीद अमित को कांपते हाथों से मुखाग्नि दी और फूट फूट कर रोने लगे। अन्त्योष्टि के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम, राज्यमंत्री राजेन्द्र अंथवाल, पौडी उपजिलाधिकारी मनीष कुमार, तहसीलदार सामाजिक कार्यकर्ता हेमन्त बिष्ट, शशि भूषण सहित पुलिस प्रशासन व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

अमित की दोस्ती के अंदाज को नही भूल पा रहे उसके दोस्त

शहीद अमित अंथवाल अपने सभी दोस्तों का चहेता था। दोस्त की अंतिम विदाई में सभी दोस्तों की आँखे आँसू और आतंकवादियों के लिए गुस्सा नजर आया। पार्थिव शरीर को अपने कंधे पर लिए दोस्तों ने बुलन्द आवाज में जब तक सूरज चाँद रहेगा अमित तेरा नाम रहेगा, अमित अंथवाल अमर रहे और पाकिस्तान हो बर्बाद के नारे लगाते रहे । नारे लगाते हुए उनकी आँखों में आँसू आते रहे आँसुओ को बार बार हाथों से मिटा कर सभी दोस्त उसकी शाहादत को याद करते रहे।

अमित के दोस्त जयबीर का कहना है कि अमित सभी दोस्तों का चहेता था जब भी छुट्टी में घर आता था हमारे साथ क्रिकेट खेलने के लिए टूर्नामेंटों में जाता था अभी कुछ महीने पहले वह घर आया था तब उसने अपने क्षेत्र की रामलीला में बहुत सहयोग किया। उसके शहीद होने की खबर पर हमें विश्वास नही हो पा रहा है।

मनीष खुगशाल स्वतंत्र

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