उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन की दुखद खबर है। हल्द्वानी की मौजूदा विधायक डॉ. इंदिरा हृदयेश का हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया है। इंदिरा हृदयेश दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के साथ मीटिंग में शामिल होने दिल्ली गई थी। वह उत्तराखंड सदन नई दिल्ली में ठहरी हुईं थीं। जहाँ उनकी तबीयत खराब हो गई। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका निधन हो गया। इंदिरा हृदयेश कुछ समय पहले ही कोरोना से उभरी थीं और उनकी हार्ट संबंधी सर्जरी भी हुई थी। उनका आकस्मिक निधन कांग्रेस और उत्तराखंड की राजनीति के लिए यह एक झटका है। उनके निधन की खबर सामने आने के बाद राज्य में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल तथा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने इस बात की पुष्टि की है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है। उनके बेटे सुमित भी दिल्ली पहुंच रहे हैं।
इंदिरा हृदयेश के बारे में:
सात अप्रैल 1941 को अयोध्या, उप्र में जन्मीं डा. इंदिरा हृदयेश पेशे से शिक्षिका थीं। हिंदी व राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री के अलावा इन्होनें बीएड व पीएचडी कर अध्यापन कार्य शुरू किया। वर्ष 1974 में सयुंक्त प्रांत में इंदिरा पहली बार उप्र विधान परिषद की सदस्य निर्वाचित हुईं। उस समय हेमवती नंदन बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी।
वह अविभाजित उत्तर प्रदेश में चार बार विधान परिषद की सदस्य रहीं। 09 नवंबर 2000 को उत्तराखंड के अलग राज्य बनने पर 30 सदस्यीय अंतरिम विधानसभा का गठन किया गया था, इसमें भी इंदिरा हृदयेश सदस्य थीं। उसके बाद वर्ष 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता में आने पर नारायण दत्त तिवारी सरकार में उन्हें नंबर दो की हैसियत हासिल थी। तिवारी सरकार में उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सूचना आदि विभागों का दायित्व संभाला। वर्ष 2012 में कांग्रेस के फिर सत्ता में आने पर इंदिरा हृदयेश विजय बहुगुणा और फिर हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता से बाहर हो जाने पर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला। हल़्द्वानी विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने 2002, 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव जीता। हालांकि, वर्ष 2007 में वह हल्द्वानी से विधानसभा चुनाव हार गयी थीं ।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के निधन पर जताया गहरा शोक
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वरिष्ठ राजनेता और उत्तराखण्ड में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा हृदयेश जी ने पिछले चार दशक से यूपी से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बङी भूमिका निभाई। वे एक कुशल प्रशासक, वरिष्ठ राजनीतिज्ञ व संसदीय ज्ञान की जानकार थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ” स्व० इंदिरा हृदयेश जी से मेरा परिचय दशकों पुराना रहा है। उनसे सदा मुझे बड़ी बहन जैसी आत्मीयता मिली। विधानसभा में जनहित के मुद्दे उठाने में वे सदा अग्रणी रहती थीं। मैं इस कठिन समय में उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति अपनी सांत्वना व्यक्त करता हूँ।”
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