देहरादून: दो दिन पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एनआईटी) उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित अस्थाई कैंपस को ऋषिकेश शिफ्ट किये जाने की ख़बरों को मीडिया द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किये जाने के बाद श्रीनगर में स्थानीय लोगों द्वारा किये गए विरोध प्रदर्शन के चलते बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ कर दिया है कि एनआईटी उत्तराखंड को श्रीनगर से बाहर नहीं जाने दिया जायेगा। जल्द से जल्द एनआईटी श्रीनगर के लिए स्थायी कैंपस बनाया जाएगा। इसके लिए निकाय चुनाव खत्म होने के बाद सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी। साथ ही छात्रों की अन्य समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए भी रास्ता तलाशा जा रहा है।
इस संबंध में बुद्धवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेड़कर से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआईटी श्रीनगर से शिफ्ट नहीं होगा। एनआईटी श्रीनगर के स्थायी कैंपस के लिए सुमाड़ी के पास ही करीब 122 एकड़ जमीन तलाश ली गई है। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार इस जमीन का हस्तांतरण एनआईटी के नाम करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों की हॉस्टल की समस्या का स्थायी समाधान भी निकाला जाएगा। स्थायी कैंपस बनने तक श्रीनगर में ही प्रशासनिक भवन और फैकल्टी भवन तक पहुंचने के लिए अलग से मार्ग बनाया जाएगा। इससे छात्रों को राष्ट्रीय राजमार्ग से नहीं गुजरना पड़ेगा। उन्होंने एनआईटी श्रीनगर को लेकर की जा रही राजनीति को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि एनआईटी किसी भी स्थिति में श्रीनगर से शिफ्ट नहीं होगा। इस संबंध में उनकी केंद्रीय मंत्री से बातचीत हो गई है।
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