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प्यारी पहाड़न’ : प्यारा पहाड़ शब्द सुनने में अच्छा लगता है और अपनेपन का एहसास कराता है। देवभूमि के सैकड़ों लोकगीतों में भी प्यारा पहाड़ के बोल सुनाई पड़ते हैं। खैर, आज हमारी चर्चा करने का उद्देश प्यारा पहाड़ नहीं है बल्कि ‘प्यारी पहाड़न’ है। बात करेंगे उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की। ‌देहरादून वैसे तो पूरे देश में अपने शानदार ‘क्लाइमेट के साथ फैशन और स्मार्ट सिटी’ के रूप में पहचान रखता है। लेकिन कुछ दिनों से शहर का एक रेस्टोरेंट अपने नाम को लेकर सोशल मीडिया में ‘चर्चा’ का विषय बना हुआ है। यही नहीं इस नाम को लेकर चंद लोगों में नाराजगी भी है तो वहीं ज्यादातर लोगों का कहना है कि इसमें कोई खराबी है इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है।

उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी ‘रफ्तार’ पकड़ने लगी है। ऐसे में रेस्टोरेंट के नाम को लेकर राजनीतिक दलों के नेता भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। नेताओं के बयान हम आपको बाद में बताएंगे पहले पूरे मामले को जान लेते हैं, जिसने देहरादून में ‘तूल’ पकड़ लिया है। राजधानी दून का क्षेत्र है ‘कारगी चौक’। इसी कारगी चौक के पास एकता एन्क्लेव में पौड़ी गढ़वाल की 27 साल की प्रीति मंदोलिया ने बीते एक फरवरी को एक ढाबे (रेस्टोरेंट) की शुरुआत की थी। ‌प्रीति ने अपने इस रेस्त्रो का नाम ‘प्यारी पहाड़न’ रखा। समय बीतता गया रेस्ट्रो ठीक-ठाक चलने लगा। बाहर से आने वाले पर्यटकों में भी यहां खाना खाने की भीड़ लगने लगी। इस रेस्टोरेंट में ‘उत्तराखंड के व्यंजन’ ग्राहकों को परोसे जाते हैं।

कुछ दिनों पहले तक सब ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन इसीबीच कुछ लोगों ने इस ढाबे के नाम को लेकर आपत्ति जतानी शुरू कर दी। यही नहीं खुद को क्रांतिकारी बताने वाले कुछ लोगों ने ढाबे की संचालिका प्रीति को जान से मारने की धमकी भी दी। उन लोगों ने यहां आकर हंगामा भी किया। इन लोगों ने ढाबे का नाम प्यारी पहाड़न को लेकर देवभूमि की ‘संस्कृति’ के खिलाफ बताया और इसे महिलाओं के मान सम्मान से जोड़ दिया। प्रीति की शिकायत के बाद आखिरकार पुलिस ने तीन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एक आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

इसके बाद यह मामला शहर भर में सुर्खियों में आ गया। सोशल मीडिया पर भी इस ढाबे के नाम को लेकर लोगों की समर्थन और विरोध की मिली-जुली प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। विरोध करने वाले चंद लोग इसे उत्तराखंड संस्कृति के नाम पर खिलवाड़ करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं ज्यादातर लोगों का कहना है इसमें कोई गलत नहीं है। ‌उसके बाद इस ढाबे के नाम को लेकर विरोध का शोर नेताओं के कानों में भी गूंज गया।

राजनितिक पार्टियों के अलावा समाज से जुड़े कई लोगों का समर्थन प्यारी पहाड़न की संचालिका प्रीति को मिल रहा है। हाल ही में शोशल ऐक्टिविस्ट सुमन काला भी प्रीति से मिलने तथा उसका हौसला बढ़ाने के लिए उनके उनके कारगी चौक स्थित रेस्टोरेंट में गयी थी. जिसके बाद सुमन काला ने प्यारी पहाड़न (प्रीति) का छोटा सा वीडियो बनाकर अपनी फेसबुक वाल पर शेयर किया जिसमे प्रीति बोल रही है कि पहाड़न शब्द से किसी को कोई आपत्ती नही होनी चाहिए, क्योंकि उसने कुछ गलत नाम से रेस्त्रां नहीं खोला है। सुमन काला ने लिखा कि मेरा भी मानना है की प्रीति ने कोई गलत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है और मैं प्रीति का फुल सपोर्ट करती हूं। प्रीति तुम अपना कार्य करती रहो इन फालतू के लोगो की सुनने की कोई जरूरत नहीं है। प्रीति तुम्हारी ये दीदी हमेशा तुम्हारे साथ है। “प्यारी पहाड़न बेटी, मां, बहन, बहु, बीबी, दीदी, चाची, ताई, बुआ और न जाने कितने शब्द है मेरे लिए भी और सभी बहनों के लिए भी, मुझे गर्व है की मैं भी पहाड़ की पहाड़न हूं। मुझे प्यारी पहाड़न शब्द से कोई आपत्ति नहीं है ना ही किसी और को होना चाहिए, जिसको है वो अपना नाम कुछ भी रख ले।“ जिसके बाद उनकी इस पोस्ट की सैकड़ों लोगों ने तारीफ करते हुए प्रीति का समर्थन किया।

प्यारी पहाड़न नाम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और आप के नेता समर्थन में आ गए

राज्य में विधानसभा चुनाव दहलीज पर आ चुका है। ऐसे में राजनीतिक दल मुद्दों को तलाश रहे हैं। मामला महिलाओं से जुड़ा हुआ है ऐसे में नेताओं ने भी कारगी चौक स्थित प्यारी पहाड़न ढाबे की ओर दौड़ लगा दी। ‌ढाबे की संचालिका प्रीति मंदोलिया के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान भी आ गए। बता दें कि पिछले कुछ समय से हरीश रावत देहरादून के सामाजिक मुद्दों को लेकर बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। यही नहीं वे महंगाई, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर सड़कों पर आकर भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी करते रहे हैं। ढाबे का नाम प्यारी पहाडन को लेकर भी पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपना समर्थन दिया है। रावत ने कहा कि इस रेस्टारेंट में उत्तराखंडी उत्पाद से बने भोजन की चर्चा हो रही है। फूड सेक्टर में उत्तराखंड की बेटी व बहनें आगे आएं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि सड़क किनारे बने कई ढाबों में उत्तराखंड का भोजन परोसा जा रहा है। हरीश रावत ने प्रीति की सराहना भी की।pyaari-pahadan-restaurant-in-dehradun

एक अन्य कांग्रेस के नेता और पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी ढाबे की संचालिका प्रीति का अपना समर्थन करते हुए शुभकामनाएं दी। आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान तो कारगी चौक में प्रीति से मिलने ही पहुंच गए। ‌‌’आप के नेता जुगरान ने बधाई देते हुए कहा कि प्रीति उत्तराखंड की बेटी है’। उसने स्वरोजगार अपनाते हुए प्यारी पहाड़न नाम से रेस्टोंरेट खोला है, जो एक युवा द्वारा किया गया काफी सार्थक प्रयास है। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ रेस्टोरेंट नहीं बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरागत भोजन को भी आगे बढ़ाने का काम है। रविंद्र ने कहा कि बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी इस रेस्टोरेंट में उत्तराखंड के स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे जिससे हमारे राज्य का प्रचार-प्रसार भी होगा।

उन्होंने कहा कि ढाबे के नाम में उत्तराखंड संस्कृति से कुछ भी खिलवाड़ नहीं है। फिलहाल इस पूरे मामले में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के किसी नेता की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है। नाम को लेकर चर्चा में आए इस ढाबे को देखने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग आ रहे हैं। प्यारी पहाड़न नाम पर तूल पकड़ने के बाद यह ढाबा पूरे राज्य में प्रसिद्धि पा चुका है।