श्रीनगर: श्रीनगर के श्रीकोट गंगानाली में बीते बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे घर के आंगन से चार वर्ष की अधीरा सुपुत्री बलवंत सिंह रावत पर गुलदार ने हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। दरसल बुधवार रात को श्रीकोट के बंगाली स्वीट वाली गली में चार साल की बच्ची मां के साथ जैसे ही शौच करने बाहर निकली वहीं मकान की बाउंड्री में घात लगाए बैठे गुलदार ने अधीरा पर हमला कर दिया। बच्ची पर हमला होते देख मां बच्ची को बचाने के लिए शोर मचने लगी, वहीं मौके पर आस पड़ोस के लोग घरों से बाहर निकले और वह भी बचाव के लिए शोर करने लगे, जिससे गुलदार बच्ची को वहीं छोड़ भाग निकला। हालाँकि तब तक गुलदार बच्ची को बुरी तरह जख्मी कर चुका था। आनन फानन में घायल बच्ची को बेस अस्पताल श्रीकोट ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बच्ची को प्राथमिक उपचार देकर एम्स हास्पिटल ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया।
इस घटना पर पूर्व सभासद एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार फौजी ने बताया कि एम्स हास्पिटल ऋषिकेश में बच्ची के परिजनों से बात करने पर पता चला है कि बच्ची के स्वास नली पर गहरा घाव होने के कारण गले में पाइप लगाया गया है, तथा डाक्टर के अनुसार बच्ची ठीक हो जाएगी। किन्तु घाव भरने में समय लगेगा। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि श्रीनगर श्रीकोट में मेडिकल कालेज/बेस अस्पताल होने के वावजूद भी आपातकालीन स्थिति में मरीज को इलाज के लिए धक्के खाकर 100/120 कि0मी0 दूर एम्स/जौलीग्रांट जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति में मरीज के लिए यह अस्पताल प्राथमिक उपचार तथा रेफरेल सेंटर बन कर रह गया है।
संजय फौजी ने बताया कि बीते दो माह में गुलदार की यह तीसरी घटना है। जिसमें अभी हाल ही में डांग क्षेत्र में एक तीन वर्ष के बच्चे को गुलदार आंगन में उठा कर जंगल में ले गया। जिसका शव दूसरे दिन सुबह मिला। शहर में एक तरफ गुलदार की दहशत बनी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कुत्तों से आमजन मानस के साथ साथ गोवंश, घोड़े, बकरी को काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं गौवंश और घोड़ों को काटने से उनकी मौत हो रही हैं। ऐसे में आम जनमानस में दहशत का माहौल बढ़ रहा है।
हालांकि आज श्रीकोट गंगानाली में घटना स्थल पर डीएओ स्वप्निल अनिरुद्ध, एसडीएम नुपुर वर्मा तथा एसडीओ लक्की शाह ने घटनास्थल के सम्भावित पांच जगहों पर वन विभाग की टीम द्वारा लगाए गए पिंजरों का निरीक्षण किया तथा वन विभाग की टीम को श्रीकोट में ही रहने के आदेश दिए। किन्तु लगातार घटनाओं को देखते हुए आमजनस में खौफ का माहौल बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में शासन प्रशासन को जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है। आजकल वैसे भी यात्रा सीजन चल रहा है। आए दिन सड़क हादसे भी हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ होना अति आवश्यक है।