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देहरादून: यूपी की तर्ज पर अब उत्तराखण्ड मे भी एक अगस्त से पॉलीथिन के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने लोगों से पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की अपील करते हुए पॉलीथिन के उपयोग करने वालों पर जुर्माने की घोषणा की है। पॉलीथिन का प्रयोग करते हुए पकड़े जाने पर निर्माता से लेकर डिस्ट्रीब्यूटर, दुकानदार एवं ग्राहक तक पांच सौ से पांच हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए नगर निकायों द्वारा छापेमारी के लिए बनाई टीमें बनाई गयी हैं। इसके साथ ही आदेश दिए गए हैं कि प्लास्टिक-डिस्पोजल और पॉलीथीन का उपयोग होने पर उन्हे जब्त कर लिया जाए। पॉलीथीन मुक्त शहर बनाने के लिए नगर निगम की आठ टीमें अलग-अलग जोन में कार्रवार्इ करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलीथीन के प्रयोग से पर्यावरण दूषित होता है और खेती, पशु, पक्षियों को भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए राज्य सरकार ने एक अगस्त से पॉलीथिन के प्रयोग पर सख्ती करने का निर्णय लिया है।

प्रदेश की राजधानी देहरादून, हरिद्वार सहित कई जिलों में पॉलिथीन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम मे 31 जुलाई से उत्तराखण्ड में पॉलीथीन का प्रयोग प्रतिबंधित करने की घोषणा में की थी।

देहरादून में नगर निगम ने तहसील बाजार, पलटन बाजार, मोती बाजार, झंडा बाजार में चेकिंग अभियान चलाते हुए बड़ी संख्या में पॉलीथिन, डिस्पोजल, प्लास्टिक जब्त किया। नगर आयुक्त ने दुकानदारों, आम नागरिकों से अनुरोध किया कि पॉलिथीन का उपयोग ना करें। शहर में पॉलीथीन के इस्तेमाल पर कार्रवाई की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है।

अब देखना यह है कि उत्तराखण्ड सरकार की इस पहल का राज्य की जनता पर कितना असर होता है और लोग पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने पर कितना सहयोग करते हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 15 जुलाई से उत्तेर प्रदेश मे प्लास्टिक की पन्नियों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।

पॉलीथिन इस्तेमाल पर जुर्माना

दुकानदार पर होगा पांच  हजार रुपये का जुर्माना

रेड़ी पटरी वालों पर होगा दो हजार रुपये का जुर्माना

उपभोगताओं पर होगा पांच सौ रुपए का जुर्माना