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देहरादून: उत्तराखण्ड की लोक गायिका अंजू पाण्डेय ने लगातार बारह घंटे तक गढ़वाली और कुमांऊनी लोकगीतों को गाने का कीर्तिमान बनाया है। शनिवार को हिंदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में हिमालय पर्यावरण सोसायटी देहरादून एवं संस्कार भारती धोरण तथा रायपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में स्वर कोकिला अंजू पाण्डेय को उत्तराखण्ड कोकिला गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान हाल ही में मई माह में लखनऊ में लगातार 12 घंटे तक गढ़वाली-कुमाऊंनी गीत गाने का रिकॉर्ड बनाने के लिए दिया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद ख्यातिप्राप्त चित्रकार, संगीतज्ञ एवं साहित्यकार ज्ञानेन्द्र कुमार ने कहा कि यह देहरादून शहर के लिए गर्व की बात है।

मूल रूप से हिमाचल प्रदेश निवासी अंजू पांडे का बचपन देहरादून में ही बीता। पिता देहरादून में नौकरी करते थे। वह कुछ समय हल्द्वानी भी रही। उनकी शिक्षा भी देहरादून में हुई। उनके पति भुवन चंद पांडे भी देहरादून निवासी हैं। जो इस समय बंगलौर में नौकरी कर रहे हैं। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अंजू पांडे भी शौकिया तौर पर गीतों की प्रस्तुति देती थी। यह शौक इतना बढ़ा कि उन्होंने देहरादून में संगीत की शिक्षा ली। बाद में हल्द्वानी तथा लखनऊ से संगीत की शिक्षा हासिल की। उनके इस कीर्तिमान से देश और प्रदेश को नाम ऊंचा हुआ है। उनके रिकार्ड ने देश के बाहर सात समंदर पार न्यूयार्क में भी रिकार्ड का परचम लहराया। साथ ही उत्तराखण्ड की धरती को देश के साथ-साथ न्यूयार्क में भी सम्मान दिलाकर गौरवान्वित किया है।

हिमायल पर्यावरण सोसाइटी के अध्यक्ष जगदीश बाबला ने कहा कि यह देश के साथ ही प्रदेश के लिए भी गर्व है। पर्वतीय स्वर कोकिला अवार्ड से सम्मानित आकाशवाणी एवं दूरदर्शन कलाकार अंजू पाण्डेय ने 2016 में छह घंटे लगातार गायन एवं 2018 में लगातार 12 घंटे गायन का र्वल्ड रिकार्ड बनाया। जिसमें उत्तराखण्डी गीतों और लोकगीतों का कीर्तिमान ओरा फाउण्डेशन की ओर से रिकार्ड किया गया। यह अपने आप में बेमिसाल है। उनके गुरूजनों में पंडित मुरलीधर जगूड़ी, स्वर्गीय प्रद्युम्न सिंह बिष्ट, सरला शर्मा, बरेली के अवधेश गोस्वामी से लेकर भजन गायक अनूप जलोटा तक का नाम दिया सकता है। जिसमें अनूज जलोटा के साथ मंच पर गायन भी करती आ रही है।

उन्होंने कहा गायिका अंजू पाण्डेय के उत्कृष्ट गायन से उत्तराखण्ड के नाम का परचम देश के साथ-साथ सात समंदर पार भी लहराया है। जिस पर प्रदेश की संगीत, साहित्य और कला मंच से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं को गर्व है। संस्थाएं उनको उत्तराखण्ड कोकिला गौरव सम्मान से सम्मानित करते हुए गर्व महसूस कर रही है। इस अवसर पर अध्यक्ष संस्कार भारती रायपुर निशा मार्केण्डेय, प्रबंधक चित्रांचल कल्याण समिति रोहित कोचगवे, अध्यक्ष संस्कार भारती धोरणखास नरेश डोभाल, संयोजक सम्मान समिति राजेश डोभाल और सह-संयोजक सम्मान समिति मनोज मलिक व मनोज अग्रवाल सहित कई संस्कृति प्रेमी मौजूद रहे।